लक्षद्वीप में 'दोस्त' इजरायल करने जा रहा है ये कौन सा काम, जिसने मालदीव की बेचैनी बढ़ा दी
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लक्षद्वीप में 'दोस्त' इजरायल करने जा रहा है ये कौन सा काम, जिसने मालदीव की बेचैनी बढ़ा दी

Lakshadweep Vs Maldives Controversy: लक्षद्वीप-मालदीव विवाद के बीच इजरायल के ऐलान ने मालदीव की मुश्किल और बढ़ा दी है. मालदीव लक्षद्वीप में ऐसा काम करने जा रहा है, जिससे मालदीव की टेंशन बढ़ने वाली है. 

 Lakshadweep Vs Maldives controversy

Lakshadweep Vs Maldives Controversy: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लक्षद्वीप दौरे की कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए लोगों को वहां घूमने के लिए जाने की अपील की. पीएम मोदी की इस अपील से मालदीव को इतनी मिर्ची लगी कि वहां के नेताओं ने भारत और पीएम मोदी को लेकर विवादित बयान लेना शुरू कर दिया. फिर क्या था सोशल मीडिया पर मालदीव को लेकर बायकॉट की बाढ़ आ गई. भारतीयों की नाराजगी इतनी बढ़ी कि मालदीव को अपने तीन मंत्रियों को निलंबित करना पड़ा. इस विवाद ने मालदीव सरकार की कुर्सी हिलाकर रख दी है. अब इस विवाद में भारत का 'दोस्त' इजरायल भी कूद पड़ा है.  

भारत-मालदीव विवाद में इजरायल की एंट्री 

मालदीव संग विवाद में इजरायल ने भारत का साथ देते हुए बड़ा ऐलान किया है. इस ऐलान से मालदीव की बेचैनी और बढ़ेगी.भारत में इजरायली दूतावास ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट लिखा. इजरायल ने जो लिखा वो मालदीव की टेंशन को और बढ़ाएगा. इजरायल ने लिखा कि वो लक्षद्वीप को टूरिस्ट डेस्टिनेशन के तौर पर डेवलप करने के लिए तैयार है. उसने कहा कि वे डिसैलिनेशन प्रोग्राम शुरू करने को तैयार है. उसने कहा कि वो लक्षद्वीप में समुद्री पानी को साफ करने के प्रोजेक्‍ट पर काम करने को तैयार है.  

इजरायल के इस कदम से बढ़ेगा लक्षद्वीप में पर्यटन
मोदी सरकार के अनुरोध पर पिछले साल भी इजरायल की टीम लक्षद्वीप के दौरे पर जाकर वहां पर समुद्र के खारे पानी को साफ करके की तकनीक पर काम कर चुकी है. समुद्री पानी को मीठा बनाने की इजरायल की इस तकनीक से लक्षद्वीप को बड़ा फायदा होने वाला है. लक्षद्वीप में पर्यटन को बढ़ाने की दिशा में यह काफी महत्‍वपूर्ण साबित हो सकता है. वहां पानी की समस्या खत्म होती तो पर्यटन बढ़ेगा.  इजरायल तकनीक में काफी आगे है. उसकी तकनीक से लक्षद्वीप में मीठे पानी की समस्या खत्म होगी, जो टूरिस्ट स्पॉट के लिए बेहद जरूरी है.  लक्षद्वीप पीने के पानी के लिए अभी भी ग्राउंड वाटर पर निर्भर है, जो की सीमित है. अगर इसे टूरिस्ट आइलैंड के तौर पर डेवलप करना है तो साफ पानी की जरूरत होगी. इजरायल की ये तकनीक इसमें मददगार साबित हो सकता है. 

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