Mobile: भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने कहा कि जिला स्तर पर दूरसंचार नेटवर्क के प्रदर्शन को परखने के लिए सेवा गुणवत्ता नियमों की समीक्षा करनी होगी. इसके अलावा अब 4जी एवं 5जी सेवाओं को भी इसके दायरे में लाने के बारे में सोचना होगा.
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TRAI: देश में मोबाइल फोन का इस्तेमाल लगातार बढ़ता जा रहा है. हालांकि इससे जुड़ी कई परेशानियां भी लोगों को देखने को मिल रही है. इस बीच कॉलिंग को लेकर एक अहम अपडेट सामने आया है. दरअसल, कॉल ड्राप की शिकायतें बढ़ रही है. इस पर दूरसंचार नियामक ट्राई ने भी बयान जारी किया है. दूरसंचार नियामक ट्राई ने कहा कि फोन कॉल बीच में ही कट जाने से जुड़ी शिकायतों में बढ़ोतरी होने से दूरसंचार सेवाओं की गुणवत्ता के मौजूदा मानकों की समीक्षा की जरूरत पैदा हो गई है.
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने कहा कि जिला स्तर पर दूरसंचार नेटवर्क के प्रदर्शन को परखने के लिए सेवा गुणवत्ता नियमों की समीक्षा करनी होगी. इसके अलावा अब 4जी एवं 5जी सेवाओं को भी इसके दायरे में लाने के बारे में सोचना होगा. नियामक ने संशोधित नियमों का मसौदा पेश करते हुए कहा, "देश में व्यापक स्तर पर 4जी नेटवर्क के प्रसार और 5जी सेवाओं की शुरुआत होने के बाद भी कॉल कटने, आवाज न आने और इंटरनेट की सुस्त रफ्तार जैसी शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं. यह दूरसंचार नेटवर्क के डिजाइन और जरूरी नेटवर्क संसाधनों की व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है."
कॉल ड्रॉप
इस स्थिति में सुधार के लिए ट्राई ने कॉल ड्रॉप मानकों को सख्त करने की जरूरत बताते हुए कहा कि सेवा गुणवत्ता मानक 2जी एवं 3जी सेवाओं के दौर में जारी किए गए थे लेकिन अब 4जी एवं 5जी सेवाओं का इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों का अनुपात 75 प्रतिशत से भी अधिक हो चुका है.
सुझाव मांगे
दूरसंचार नियामक ने कहा कि सेवा गुणवत्ता का आकलन दूरसंचार सर्किल के बजाय अब जिला स्तर पर करने के बारे में सोचना होगा. दूरसंचार सर्किल अमूमन एक राज्य के बराबर होता है. ट्राई ने इस संबंध में 20 सितंबर से संबंधित पक्षों से सुझाव मांगे हैं. (इनपुट: भाषा)