Sahara Group: सहारा के संस्थापक सुब्रत रॉय का हाल ही में निधन हो गया था. वहीं उन पर कई तरह के मामले भी चल रहे थे. उन मामलों को लेकर अब सेबी प्रमुख की ओर से जवाब दिया गया है. आइए जानते हैं इसके बारे में...
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SEBI Update: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच ने कहा कि सहारा के संस्थापक सुब्रत रॉय के निधन के बाद भी पूंजी बाजार नियामक सहारा ग्रुप के खिलाफ मामला जारी रखेगा. सहारा समूह के संस्थापक सुब्रत रॉय का 75 वर्ष की उम्र में मंगलवार को निधन हो गया था. वह लंबे समय से बीमार थे. उन्होंने कहा कि सेबी के लिए यह मामला एक इकाई के आचरण से जुड़ा है और यह जारी रहेगा चाहे कोई व्यक्ति जीवित हो या नहीं. रिफंड बेहद कम होने के सवाल पर बुच ने कहा कि पैसा निवेशकों के जरिए किए गए दावों के सबूत के आधार पर सुप्रीम कोर्ट के जरिए नियुक्त समिति के जरिए वापस किया गया है.
दिया था ये आदेश
निवेशकों को केवल 138 करोड़ रुपये का रिफंड किया गया है, जबकि सहारा समूह को निवेशकों को रिफंड के लिए सेबी के पास 24,000 करोड़ रुपये से अधिक जमा करने के लिए कहा गया था. सेबी ने 2011 में सहारा समूह की दो कंपनियों सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एसआईआरईएल) और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एसएचआईसीएल) को वैकल्पिक रूप से पूर्ण परिवर्तनीय बांड (ओएफसीडी) के रूप में पहचाने जाने वाले कुछ बांडों के जरिए करीब तीन करोड़ निवेशकों से जुटाए गए धन को वापस करने का आदेश दिया था.
नियमों और विनियमों का उल्लंघन करके धन जुटाया
नियामक ने आदेश में कहा था कि दोनों कंपनियों ने उसके नियमों और विनियमों का उल्लंघन करके धन जुटाया था. लंबी कानूनी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त 2012 को सेबी के निर्देशों को बरकरार रखा और दोनों कंपनियों को निवेशकों से एकत्र धन 15 प्रतिशत ब्याज के साथ वापस करने को कहा था. इसके बाद सहारा को निवेशकों को धन लौटाने के लिए सेबी के पास अनुमानित 24,000 करोड़ रुपये जमा करने को कहा गया.
प्रत्यक्ष रूप से भुगतान
हालांकि समूह लगातार यह कहता रहा कि उसने पहले ही 95 प्रतिशत से अधिक निवेशकों को प्रत्यक्ष रूप से भुगतान कर दिया है. पूंजी बाजार नियामक की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सहारा समूह की दो कंपनियों के निवेशकों को 11 वर्षों में 138.07 करोड़ रुपये वापस किए. इस बीच पुनर्भुगतान के लिए विशेष रूप से खोले गए बैंक खातों में जमा राशि बढ़कर 25,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है.
बॉन्डधारकों ने नहीं किया कोई दावा
सहारा की दो कंपनियों के अधिकतर बॉन्डधारकों ने इसको लेकर कोई दावा नहीं किया और कुल राशि पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में करीब सात लाख रुपये बढ़ गई, जबकि सेबी-सहारा पुनर्भुगतान खातों में इस दौरान शेष राशि 1,087 करोड़ रुपये बढ़ गई. वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, सेबी को 31 मार्च, 2023 तक 53,687 खातों से जुड़े 19,650 आवेदन प्राप्त हुए. इनमें से ‘‘ 48,326 खातों से जुड़े 17,526 आवेदनों के लिए 138.07 करोड़ रुपये की कुल राशि लौटाई गई, जिसमें 67.98 करोड़ रुपये की ब्याज राशि भी शामिल है.’’
इतनी है राशि
शेष आवेदन सहारा समूह की दोनों कंपनियों के जरिए उपलब्ध कराई जानकारी के जरिए उनका कोई पता नहीं लग पाने के कारण बंद कर दिए गए. सेबी ने आखिरी अपडेट जानकारी में 31 मार्च 2022 तक 17,526 आवेदनों से संबंधित कुल राशि 138 करोड़ रुपये बताई थी. सेबी के अनुसार, 31 मार्च 2023 तक राष्ट्रीयकृत बैंकों में जमा कुल राशि करीब 25,163 करोड़ रुपये है. (इनपुट: भाषा)