Reserve Bank of India: अप्रैल में हुई एमपीसी (MPC) की बैठक में रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर ही कायम रखा गया था. इस बार भी रेपो रेट में बढ़ोतरी नहीं होती है तो इसका मतलब है कि लोगों को लगातार बढ़ते लोन की ब्याज दर से राहत मिलेगी.
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RBI MPC Meeting Today: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिवसीय बैठक आज संपन्न हो जाएगी. 6 जून से शुरू हुई बैठक में कई अहम मुद्दों पर फैसला लिये जाने की उम्मीद है. इन फैसलों पर 8 जून को ऐलान किया जाएगा. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) की अगुआई वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (MPC) की यह 43वीं बैठक है. इससे पहले मौद्रिक नीति समिति (MPC) की 42वीं बैठक में रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत के पुराने स्तर पर ही बरकरार रखा गया था.
रेपो रेट अपरिवर्तित रहने की उम्मीद
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की तरफ से आज तीन दिवसीय एमपीसी बैठक (MPC Meeting) के नतीजों के बारे में जानकारी दी जाएगी. सूत्रों का दावा है कि रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से इस बार रेपो रेट को अपरिवर्तित रखे जाने की उम्मीद है. अप्रैल में हुई एमपीसी की बैठक में रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर ही कायम रखा गया था. इस बार भी रेपो रेट में बढ़ोतरी नहीं होती है तो इसका मतलब है कि लोगों को लगातार बढ़ते लोन की ब्याज दर से राहत मिलेगी.
ग्राहकों को मिलने वाले लोन पर दिखेगा असर
आपको बता दें आरबीआई (RBI) की तरफ से मई, 2022 से लगातार रेपो रेट में बढ़ोतरी की जा रही है. मई 2022 से लेकर अब तक रेपो रेट में 2.5 प्रतिशत का इजाफा किया जा चुका है. इसका सीधा असर बैंक की तरफ से ग्राहकों को दिये जाने वाले लोन पर देखा गया. बैंकों ने सभी कैटेगरी के लोन की ब्याज दर में इजाफ किया. इसके अलावा बैंकों ने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए लॉन्ग टर्म वाली एफडी की ब्याज दर बढ़ाने पर भी फैसला किया था.
आपको बता दें आरबीआई की तरफ से लगातार बढ़ती महंगाई दर को नियंत्रित करने के लिए ब्याज दर में इजाफा किया गया था. लेकिन अप्रैल 2023 में जारी रिटेल इंफलेशन रेट गिरकर 18 महीने के निचले स्तर 4.7 प्रतिशत पर आ गया है. इससे पहले मार्च में यह 5.7 प्रतिशत के स्तर पर था.
क्या होता है रेपो रेट?
जिस रेट पर आरबीआई की तरफ से बैंकों को लोन दिया जाता है, उसे रेपो रेट कहा जाता है. रेपो रेट बढ़ने का मतलब है कि बैंकों को आरबीआई से महंगे रेट पर कर्ज मिलेगा. इससे होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन आदि की ब्याज दर बढ़ जाएगी, जिससे आपकी ईएमआई पर सीधा असर पड़ेगा.