NPS-APY Rules : NPS में बड़ा बदलाव, नुकसान से बचने के ल‍िए सरकारी कर्मचारी जरूर जान लें नया न‍ियम
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NPS-APY Rules : NPS में बड़ा बदलाव, नुकसान से बचने के ल‍िए सरकारी कर्मचारी जरूर जान लें नया न‍ियम

NPS Rules: पेंशन फंड नियामक की तरफ से दी गई जानकारी में बताया गया क‍ि यद‍ि सब्सक्राइबर सुबह 9.30 बजे से पहले अपने अंशदान का भुगतान करता है तो उसे उसी दिन का निवेश माना जाएगा.

NPS-APY Rules : NPS में बड़ा बदलाव, नुकसान से बचने के ल‍िए सरकारी कर्मचारी जरूर जान लें नया न‍ियम

Atal Pension Yojana: यद‍ि आप अपने और पर‍िवार के भव‍िष्‍य को ध्‍यान में रखते हुए राष्ट्रीय पेंशन स्‍कीम (NPS) या अटल पेंशन योजना (APY) में न‍िवेश करते हैं तो आपको इसके बारे में पूरी तरह अपडेट रहना जरूरी है। पेंशन फंड नियामक पीएफआरडीए (PFRDA) की तरफ से एनपीएस और अटल पेंशन योजना दोनों में ही बदलाव क‍िए गए हैं। नया बदलाव होने के बाद अब योजना से जुड़े सब्सक्राइबर यूपीआई (UPI Payment System) से भी अंशदान का भुगतान कर सकेंगे.

भुगतान करने का दायरा बढ़ा
पेंशन फंड नियामक की तरफ से दी गई जानकारी में बताया गया क‍ि यद‍ि सब्सक्राइबर सुबह 9.30 बजे से पहले अपने अंशदान का भुगतान करता है तो उसे उसी दिन का निवेश माना जाएगा. लेक‍िन 9.30 के बाद खाते में जमा होने वाली राशि की गणना अगले दिन के निवेश में की जाएगी. अभी तक सब्सक्राइबर आईएमपीएस/ एनईएफटी/ आरटीजीएस (IMPS / NEFT / RTGS) के जर‍िये अंशदान की राश‍ि भेज सकते थे। लेकिन इसका दायरा बढ़ने के बाद अब यूपीआई भी कर सकते हैं।

अटल पेंशन योजना में भी बदलाव
अटल पेंशन योजना (APY) असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए है. इस योजना के अंशधारकों को उनके योगदान के आधार पर 60 साल की उम्र होने के बाद गारंटी के साथ 1,000 रुपये से 5,000 रुपये मासिक की न्यूनतम पेंशन मिलती है. प‍िछली 1 अक्‍टूबर से अटल पेंशन योजना में बदलाव क‍िया गया है. नए न‍ियम के अनुसार अब आयकरदाता (Income Tax Payers) अटल पेंशन योजना (APY) के ल‍िए आवेदन नहीं कर सकेंगे.

क्‍या है एनपीएस
एनपीएस योजना संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए संचालित की जाती है. साल 2004 से लागू यह योजना केंद्र सरकार के कर्मचारियों (सशस्त्र बलों को छोड़कर) के लिए अनिवार्य है. यह उन्हीं कर्मचारियों पर लागू है जो 1 जनवरी 2004 या इससे बाद सेवा में शामिल हुए हैं. मई 2009 में, इसे स्वैच्छिक आधार पर निजी और असंगठित क्षेत्र में विस्तारित किया गया था.

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