Go First Insolvency Case: एनसीएलटी (NCLT) ने गो फर्स्ट के बोर्ड को सस्पेंड करके आईआरपी नियुक्त किया है. एयरलाइन के बोर्ड को नियमित खर्च के लिए 5 करोड़ रुपये जमा कराने का भी निर्देश दिया गया है.
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Go First Airline Financial Crisis: वित्तीय संकट में घिरी गो फर्स्ट एयरलाइन (GoFirst Airline) की तरफ से दायर इनसॉल्वेंसी याचिका मामले में बड़ा अपडेट आया है. गोफर्स्ट की याचिका को एनसीएलटी (NCLT) की तरफ से मंजूरी दे दी गई है. एनसीएलटी (NCLT) ने गो फर्स्ट के बोर्ड को सस्पेंड करके आईआरपी नियुक्त किया है. एयरलाइन के बोर्ड को नियमित खर्च के लिए 5 करोड़ रुपये जमा कराने का भी निर्देश दिया गया है. इसके अलावा कंपनी के किसी भी कर्मचारी को नहीं हटाया जाएगा. आपको बता दें एयरलाइन ने 19 मई तक के लिए अपनी सभी उड़ानों को रद्द कर दिया है.
विमानों का रजिस्ट्रेशन खत्म करने का अनुरोध
इससे पहले लीज पर विमान देने वाली कंपनियों ने डीजीसीए (DGCA) से गोफर्स्ट एयरलाइन के नौ अन्य विमानों का रजिस्ट्रेशन खत्म करने का अनुरोध किया है. अबतक 45 विमानों का रजिस्ट्रेशन खत्म करने और उन्हें वापस लेने की मांग डीजीसीए (DGCA) के पास पिछले एक हफ्ते के दौरान आ चुकी है. डीजीसीए (DGCA) की वेबसाइट पर मुहैया जानकारी के अनुसार लीज पर विमान मुहैया कराने वाली कंपनियों ने गो फर्स्ट (GoFirst) को दिए 9 अन्य विमानों की सूचीबद्धता खत्म करने का अनुरोध किया है.
19 मई तक की उड़ानों पर रद्द किया गया
आपको बता दें पिछली 2 मई को विमान परिचालन बंद करने की घोषणा करते समय गो फर्स्ट (GoFirst) के बेड़े में कुल 55 विमान मौजूद थे. एयरलाइन ने इंजन की आपूर्ति नहीं होने से पैदा हुए वित्तीय संकट को जिम्मेदार बताते हुए अपनी उड़ानें 19 मई तक रोक दी हैं. पीठ की तरफ से गो फर्स्ट (GoFirst) की याचिका पर सुनवाई करने के बाद फैसला पिछले हफ्ते सुरक्षित रख लिया गया था.
आपको बता दें गोफर्स्ट की याचिका का एयरलाइन को पट्टे पर विमान उपलब्ध कराने वाली कंपनियों ने विरोध किया था. एनसीएलटी की पीठ ने एयरलाइन की उस अर्जी पर भी सुनवाई की जिसमें कंपनी वित्तीय देनदारियों पर अंतरिम रोक लगाने की अपील की गई थी. आपको बता दें गोफर्स्ट पर करीब 11,463 करोड़ रुपये की देनदारियां हैं.