OPS: केंद्र सरकार किसी भी तरह पुरानी पेंशन (Old Pension Scheme) को बहाल करने के प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि जो राज्य सरकारें पुरानी पेंशन में वापसी की इच्छा रखती हैं, उन्हें एनपीएस (NPS) के तहत इकट्ठा हुए फंड की वापसी नहीं मिलेगी.
Trending Photos
Old Pension Scheme Latest News: कांग्रेस शासित कई राज्यों में सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का फायदा दिया जा रहा है. हिमाचल सरकार की तरफ से भी पेंशन शुरू करने को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया जा चुका है. हिमाचल के कर्मचारियों को 1 अप्रैल को पुरानी पेंशन का फायदा मिलेगा. कर्नाटक और महाराष्ट्र सरकार के कर्मचारी पिछले काफी समय से पुरानी पेंशन (Old Pension Scheme) को लागू करने की मांग कर रहे हैं. पिछले कुछ दिनों से केंद्रीय कर्मचारी भी पुरानी पेंशन को लागू करने की मांग कर रहे हैं.
एनपीएस के तहत इकट्ठा हुए फंड की वापसी नहीं होगी
इस मामले पर चर्चा के दौरान वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने राज्यसभा में जवाब दिया. उन्होंने अपने जवाब में साफ किया कि केंद्र सरकार किसी भी तरह पुरानी पेंशन (Old Pension Scheme) को बहाल करने के प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि जो राज्य सरकारें पुरानी पेंशन में वापसी की इच्छा रखती हैं, उन्हें एनपीएस (NPS) के तहत इकट्ठा हुए फंड की वापसी नहीं मिलेगी. इसको लेकर PFRDA अधिनियम में किसी तरह का प्रावधान नहीं है.
किसी तरह की वापसी का प्रावधान नहीं
मोदी सरकार की तरफ से बताया गया कि पुरानी पेंशन योजना (OPS) को बहाल करने वाले गैर-बीजेपी शासित राज्यों द्वारा एनपीएस (NPS) में इकट्टा फंड की वापसी की मांग की जा रही है. उन्होंने कहा एनपीएस में फंड की वापसी के लिए PFRDA अधिनियम में किसी तरह का प्रावधान नहीं है. राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश और पंजाब सरकार की तरफ से पुरानी पेंशन बहाल करने के फैसले पर केंद्र को सूचित किया गया था. इन राज्य सरकारों ने एनपीएस (NPS) के तहत इकट्ठा हुई राशि को वापस करने का अनुरोध किया है.
कराड ने कहा कि पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण अधिनियम, 2013 के तहत कोई प्रावधान नहीं है, जिसके तहत अभिदाताओं के संचित कोष को वापस किया जा सकता है. कराड ने बताया कि केंद्र सरकार 1 जनवरी, 2004 के बाद भर्ती हुए केंद्र सरकार के कर्मचारियों के संबंध में OPS को बहाल करने के किसी भी प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रही है. 1 जनवरी, 2004 से सरकारी सेवा (सशस्त्र बलों को छोड़कर) में सभी नई भर्तियों के लिए इसे अनिवार्य कर दिया गया था.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले ताज़ा ख़बर अभी पढ़ें सिर्फ़ Zee News Hindi पर| आज की ताजा ख़बर, लाइव न्यूज अपडेट, सबसे ज़्यादा पढ़ी जाने वाली सबसे भरोसेमंद हिंदी न्यूज़ वेबसाइट Zee News हिंदी|