कम हुई सस्ते पेट्रोल-डीजल की उम्मीद, रिकॉर्ड मुनाफे के बाद धड़ाम हुआ तेल कंपनियों का मुनाफा, कमाई में आई 90% गिरावट
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कम हुई सस्ते पेट्रोल-डीजल की उम्मीद, रिकॉर्ड मुनाफे के बाद धड़ाम हुआ तेल कंपनियों का मुनाफा, कमाई में आई 90% गिरावट

अगर आप सस्ते पेट्रोल-डीजल की उम्मीद लगाए बैठे हैं तो आपकी उम्मीदों पर पानी फिर सकता है. सस्ते पेट्रोल-डीजल का इंतजार और लंबा हो सकता है. दरअसल तेल कंपनियों का मुनाफा गिर गया है. रिकॉर्ड मुनाफे के बाद सरकारी तेल कंपनियों की कमाई में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है.

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Oil Companies: अगर आप सस्ते पेट्रोल-डीजल की उम्मीद लगाए बैठे हैं तो आपकी उम्मीदों पर पानी फिर सकता है. सस्ते पेट्रोल-डीजल का इंतजार और लंबा हो सकता है. दरअसल तेल कंपनियों का मुनाफा गिर गया है. रिकॉर्ड मुनाफे के बाद सरकारी तेल कंपनियों की कमाई में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (एचपीसीएल) के अप्रैल-जून तिमाही के मुनाफे में 90 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई है.  

तेल कंपनियों का मुनाफा घटा 
 
आईओसी, बीपीसीएल और  एचपीसीएल के अप्रैल-जून तिमाही के मुनाफे में 90 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई है.इसकी प्रमुख वजह रसोई गैस (एलपीजी) की लागत से कम दाम पर बिक्री है.देश की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी आईओसी का अप्रैल-जून तिमाही में एकल आधार पर शुद्ध लाभ 81 प्रतिशत घटा है. यह चालू वित्त वित्त की पहली तिमाही में 2,643.18 करोड़ रुपये रहा है, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में कंपनी ने 13,750.44 करोड़ रुपये का लाभ कमाया था.

घट गई तेल कंपनियों की कमाई  

तिमाही आधार पर भी कंपनी के मुनाफे में गिरावट आई है. इससे पिछली जनवरी-मार्च तिमाही में कंपनी का मुनाफा 11,570.82 करोड़ रुपये रहा था. तिमाही के दौरान एचपीसीएल का मुनाफा 90 प्रतिशत घटकर 633.94 करोड़ रुपये रह गया, जबकि अप्रैल-जून, 2023 में यह 6,765.50 करोड़ रुपये और पिछली मार्च तिमाही में 2,709.31 करोड़ रुपये था. बीपीसीएल का शुद्ध लाभ अप्रैल-जून में घटकर 2,841.55 करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले समान अवधि में 10,644.30 करोड़ रुपये और जनवरी-मार्च तिमाही में 4,789.57 करोड़ रुपये था. तीनों ईंधन खुदरा विक्रेताओं ने पिछले साल लागत में गिरावट के बावजूद पेट्रोल और डीजल की कीमतों को बरकरार रखकर अत्यधिक मुनाफा कमाया था. 

तेल कंपनियों को कितना नुकसान

इन कंपनियों का तर्क था कि इससे पिछले साल लागत बढ़ने के बावजूद उन्होंने दाम नहीं बढ़ाए थे और नुकसान उठाया था। हालांकि, कीमतों को ‘फ्रीज’ करने का लाभ आम चुनाव से पहले पेट्रोल और डीजल के दाम में दो-दो रुपये प्रति लीटर की कटौती से जाता रहा. इसके अलावा, तीनों पेट्रोलियम कंपनियों को एलपीजी की लागत से कम बिक्री पर सब्सिडी नहीं मिली है. इन कंपनियों द्वारा शेयर बाजारों को भेजी सूचना के अनुसार, आईओसी को अप्रैल-जून में एलपीजी की लागत से कम दाम पर बिक्री से 5,156.23 करोड़ रुपये, बीपीसीएल को 2,015.10 करोड़ रुपये और एचपीसीएल को 2,443.71 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. पेट्रोलियम मंत्रालय के एक आदेश के अनुसार, जब एलपीजी सिलेंडर की बाजार निर्धारित कीमत (एमडीपी) ग्राहक के लिए इसकी प्रभावी लागत (ईसीसी) से कम होती है, तो पेट्रोलियम विपणन कंपनियों (ओएमसी) को भविष्य के समायोजन के लिए इस अंतर को एक अलग बफर खाते में रखना होता है. 

दर्ज किया था रिकॉर्ड मुनाफा  

हालांकि, 30 जून, 2024 को, तीनों कंपनियों के शुद्ध बफर नकारात्मक था. तीन पेट्रोलियम कंपनियों आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल ने वित्त वर्ष 2023-24 में लगभग 81,000 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड मुनाफा दर्ज कमाया था। यह तेल संकट से पहले के वर्षों में उनकी सालाना 39,356 करोड़ रुपये की कमाई से कहीं अधिक था. आईओसी ने 2023-24 में 39,618.84 करोड़ रुपये का एकल शुद्ध लाभ कमाया था, जबकि 2022-23 में यह 8,241.82 करोड़ रुपये था. बीपीसीएल ने वित्त वर्ष 2023-24 में 26,673.50 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया, जो 2022-23 में 1,870.10 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2021-22 में 8,788.73 करोड़ रुपये था. इसी तरह एचपीसीएल ने 2023-24 में 14,693.83 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था. वित्त वर्ष 2022-23 में उसे 8,974.03 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. वहीं 2021-22 में कंपनी ने 6,382.63 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था।

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