Budget: अब कटेगी जेब! इंश्योरेंस है तो हो जाएं सावधान, मोदी सरकार ने बजट में दिया ऐसा प्रस्ताव
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Budget: अब कटेगी जेब! इंश्योरेंस है तो हो जाएं सावधान, मोदी सरकार ने बजट में दिया ऐसा प्रस्ताव

Insurance Premium: विशेषज्ञों ने कहा कि इससे लोगों की जेब पर असर जरूर पड़ेगा लेकिन करदाताओं के लिए टर्म इंश्योरेंस खरीदकर अपने जीवन कवरेज को सुव्यवस्थित करने के लिए इससे प्रोत्साहन मिलेगा. साथ ही, अधिकांश करदाताओं के लिए टर्म इंश्योरेंस के साथ प्रीमियम इस 5 लाख की सीमा के अंतर्गत रहने की संभावना है.

Budget: अब कटेगी जेब! इंश्योरेंस है तो हो जाएं सावधान, मोदी सरकार ने बजट में दिया ऐसा प्रस्ताव

Insurance: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को देश का आम बजट पेश कर दिया. इस बार के बजट में सरकार की ओर से कई अहम ऐलान किए गए हैं. वहीं सरकार ने इस बार बजट में टैक्सपेयर्स को भी राहत दी है. इसके साथ ही बजट में इंश्योरेंस प्रीमियम को लेकर भी ऐलान किए हैं. बजट में सरकार की ओर से ऐलान किया गया है कि जिन पॉलिसी का प्रीमियम 5 लाख रुपये से ज्यादा है, उनकी मैच्योरिटी अमाउंट को टैक्स से छूट नहीं हासिल होगी. ऐसे में लोगों को इस पर टैक्स भी दाखिल करना होगा, जिससे लोगों की जेब पर भी असर पड़ेगा.

इंश्योरेंस प्रीमियम
बजट 2023 में प्रस्तावित किया गया है कि बीमा पॉलिसी (यूलिप को छोड़कर), जहां कुल प्रीमियम 5 लाख रुपये से अधिक है, मैच्योरिटी राशि को टैक्स से छूट नहीं मिलेगी. इससे बीमित व्यक्ति की मृत्यु पर प्राप्त राशि पर मिलने वाली टैक्स छूट पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा, "यह प्रस्ताव है कि 1 अप्रैल 2023 को या उसके बाद जारी की गई जीवन बीमा पॉलिसियों (ULIP के अलावा) के लिए अगर सालाना कुल प्रीमियम 5 लाख रुपये से अधिक है तो मैच्योरिटी अमाउंट पर टैक्स देना होगा."

इंश्योरेंस
विशेषज्ञों ने कहा कि इससे लोगों की जेब पर असर जरूर पड़ेगा लेकिन करदाताओं के लिए टर्म इंश्योरेंस खरीदकर अपने जीवन कवरेज को सुव्यवस्थित करने के लिए इससे प्रोत्साहन मिलेगा. साथ ही, अधिकांश करदाताओं के लिए टर्म इंश्योरेंस के साथ प्रीमियम इस 5 लाख की सीमा के अंतर्गत रहने की संभावना है. यह निवेश की जरूरतों से कवरेज को अलग करेगा.

छोटी बचत योजना
विशेषज्ञों का कहना है कि इससे करदाताओं को कवरेज और निवेश दोनों के साथ बेहतर परिणाम प्राप्त करने में मदद मिलेगी. इस तरह से पर्याप्त कवरेज प्राप्त किया जा सकता है और टैक्स बचत निवेश की जरूरतों को छोटी बचत, भविष्य निधि और ईएलएसएस के संयोजन के माध्यम से पूरा किया जा सकता है, जहां रिटर्न और तरलता हो सकती है."

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