India's GDP Growth: इक्रा (ICRA Rating Agency) की तरफ से भारत के लिए बुरी खबर आ रही है. रेटिंग एजेंसी इक्रा ने बुधवार को वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही में GDP का ग्रोथ रेट घटा दिया है.
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GDP Growth Rate: इस समय भारत की अर्थव्यवस्था रफ्तार (Economic Growth) से आगे बढ़ रही है, लेकिन रेटिंग एजेंसी इक्रा (ICRA Rating Agency) की तरफ से भारत के लिए बुरी खबर आ रही है. रेटिंग एजेंसी इक्रा ने बुधवार को वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही में GDP का ग्रोथ रेट घटा दिया है. इक्रा का अनुमान है कि सितंबर तिमाही के 7.6 प्रतिशत की तुलना में कम होकर छह प्रतिशत रह सकता है.
इक्रा रेटिंग्स ने एक रिपोर्ट में कहा कि एग्रीकल्चर और इंडस्ट्रिल एरिया के कमजोर प्रदर्शन से ग्रोथ रेट में यह सुस्ती आने की आशंका है. इसके साथ ही इक्रा ने कहा कि अक्टूबर-दिसंबर, 2023 की अवधि में ग्रॉस वैल्यु एडेड ग्रोथ छह प्रतिशत तक कम होने का अनुमान है. जबकि पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में यह 7.4 प्रतिशत थी.
क्यों आ सकती है गिरावट?
चालू वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में इंडस्ट्रिल सेक्टर की ग्रोथ में अनुमानित गिरावट आंशिक रूप से प्रतिकूल आधार प्रभाव और मात्रा विस्तार में सुस्ती की वजह से होने का अनुमान है. हालांकि, जिंस कीमतों में लगातार नरमी ने कुछ क्षेत्रों की लाभप्रदता को अनुकूल बनाए रखा है.
राज्य सरकारों के खर्च में गिरावट का अनुमान
इसके अलावा अक्टूबर-दिसंबर की तिमाही में भारत सरकार और 25 राज्य सरकारों (अरुणाचल प्रदेश, गोवा और मणिपुर को छोड़कर सभी राज्यों) के कुल खर्च में 0.2 प्रतिशत की मामूली गिरावट आने से जीवीए ग्रोथ धीमी होने की उम्मीद है.
क्यो बोली इकोनॉमिस्ट?
इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा है कि इंडस्ट्रियल सेक्टर की वॉल्युम ग्रोथ कम होने, निवेश गतिविधियों के कुछ इंडीकेटर्स में स्लो रफ्तार, सरकारी खर्च में सुस्ती और मानसून की मार से दिसंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 7.6 प्रतिशत से घटकर छह प्रतिशत रहने की उम्मीद है.
कई सर्विसेज का होगा अहम रोल
इक्रा रेटिंग्स का अनुमान है कि इंडस्ट्री और एग्रीकल्चर के विपरीत चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में सेवा क्षेत्रों की जीवीए ग्रोथ साल-दर-साल बढ़कर 6.5 प्रतिशत हो जाएगी, जो 2023-24 की जुलाई-सितंबर अवधि में 5.8 प्रतिशत थी. इसमें व्यापार, होटल, परिवहन, कम्युनिकेशन और ब्राडकास्टिंग से संबंधित सर्विसेज की अहम भूमिका रहेगी. रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर तिमाही में केंद्र के गैर-ब्याज राजस्व व्यय में 19.1 प्रतिशत की उल्लेखनीय गिरावट आई है जबकि सितंबर तिमाही में इसमें 23.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी.
इनपुट - भाषा एजेंसी