US Visa Rules: अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा (USCIS) के अनुसार इन सुधारों का मकसद वीजा अप्रूवल प्रोसेस को सिस्टेमेटिक करना और प्रोग्राम को पहले से ज्यादा आसान बनाना है. इससे कंपनियों अपने यहां स्किल्ड टीम को हायर कर सकेंगी.
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H-1B Visa New Rules: अमेरिकी सरकार ने 17 जनवरी से लागू होने वाले H-1B वीजा प्रोग्राम में बड़े बदलाव का ऐलान किया है. पिछले काफी समय से इसको लेकर चर्चा चल रही थी, जिसे आज लागू कर दिया गया. यूएस सरकार के अनुसार, इन बदलावों का मकसद अमेरिका में विदेशी प्रतिभाओं के रिक्रूटमेंट में निष्पक्षता, पारदर्शिता और एफिशिएंसी सुनिश्चित करना है. भारतीय H-1B वीजाहोल्डर्स का सबसे बड़ा ग्रुप है. आपको बता दें साल 2023 में दिए गए कुल 386,000 H-1B वीजा में से 72.3% भारतीयों को दिए गए थे. जानकारों का कहना है कि इन बदालवों से भारतीय टेक प्रोफेशनल को काफी फायदा मिलने की उम्मीद है.
स्पेशलाइज्ड कर्मचारियों को काम पर रखने पर जोर
आपको बता दें H-1B वीजा एक अस्थायी वीजा है, जो कि अमेरिकी कंपनियों को स्पेशलाइज्ड विदेशी कर्मचारियों को काम पर रखने के लिए मंजूरी देता है. अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा (USCIS) के अनुसार इन सुधारों का मकसद वीजा अप्रूवल प्रोसेस को सिस्टेमेटिक करना और प्रोग्राम को पहले से ज्यादा आसान बनाना है. इससे कंपनियों अपने यहां स्किल्ड टीम को हायर कर सकेंगी. अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग (DHS) ने H-1B वीजा प्रोग्राम की मॉर्डनाइजिंग करने के लिए दो प्रमुख मकसद का जिक्र किया है.
स्पेशलाइज्ड वर्क की परिभाषा को बदल दिया गया
H-1B वीजा प्रोग्राम के तहत स्पेशलाइज्ड वर्क की परिभाषा को बदल दिया गया है. अब अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग 'डिग्री के साथ सीधा संबंध' की आवश्यकता को 'लॉजिकल रिलेशनशिप' के रूप में परिभाषित करता है. इसका मतलब यह हुआ कि आवेदक की डिग्री और उसकी नौकरी की जिम्मेदारियों के बीच जरूरी संबंध होना चाहिए. इसका सीधा मतलब यह हुआ कि आवेदक जिस नौकरी के लिए आवेदन कर रहा है, उसके पास उसी से संबंधित डिग्री हो.
पढ़ाई करने वाले छात्रों को भी राहत मिली
नए नियमों से अमेरिका में F-1 वीजा पर पढ़ाई करने वाले छात्रों को भी राहत मिली है. H-1B वीजा आवेदन की समीक्षा के दौरान उनके F-1 वीजा को खुद-ब-खुद 1 अप्रैल तक बढ़ा दिया जाएगा. इससे उनकी वैधता और रोजगार प्राधिकरण में किसी तरह का व्यवधान नहीं आएगा. यदि कोई संस्था गैर-लाभकारी या सरकारी शोध संस्थान है तो उसे H-1B वीजा की लिमिट से छूट मिलेगी. भले ही रिसर्च उसका मुख्य काम न हो.
इसके अलावा, कुछ लाभार्थी जिन्हें सीधे योग्य संगठन द्वारा नियोजित नहीं किया गया है लेकिन अपना 50% समय उसके उद्देश्य को आगे बढ़ाने के लिए लगाते हैं, वे भी इस छूट के लिए योग्य होंगे. अब H-1B वीजा के लिए आवेदन करने वाली कंपनियों को यह साबित करना होगा कि उनके पास एक 'विशेषज्ञता वाली नौकरी' है. गृह सुरक्षा विभाग कंपनी से नौकरी की वास्तविकता की पुष्टि के लिए दस्तावेज मांग सकता है.