Adani Gruop Share: देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई (SBI) ने इस मामले के सामने आने के बाद कहा कि भविष्य में किसी भी फंडिंग रिक्वेस्ट पर पूरी तरह सोच-विचारकर निर्णय लिया जाएगा.
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Hindenburg Report Impact: अडानी ग्रुप पर हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट में खुलासा होने के बाद भारतीय शेयर बाजार में भूचाल आ गया है. कारोबारी सप्ताह के अंतिम दिन सेंसेक्स 60,000 से नीचे आ गया और निफ्टी 17500 के स्तर के करीब चल रहा है. इस रिपोर्ट के प्रकाशित होने के बाद कॉरपोरेट जगत में अडानी ग्रुप के फ्यूचर को लेकर भी चर्चाएं होने लगी हैं. कुछ लोग तो दबी जुबान से यह तक कह रहे हैं कि अडानी ग्रुप को भारी-भरकम लोन देने वालों का अब क्या होगा?
SBI ने अडानी ग्रुप को सबसे ज्यादा लोन दिया
हालांकि इस बीच उन बैंकों की तरफ से भी प्रतिक्रियाएं आई हैं, जिन्होंने अडानी ग्रुप को लोन दिए हैं. देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई (SBI) ने इस मामले के सामने आने के बाद कहा कि भविष्य में किसी भी फंडिंग रिक्वेस्ट पर पूरी तरह सोच-विचारकर निर्णय लिया जाएगा. आपको बता दें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) से अडानी ग्रुप ने सबसे ज्यादा लोन दिया हुआ है.
कर्ज को लेकर कुछ भी चिंताजनक नहीं
न्यूज एजेंसी रायटर्स में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार एसबीआई ने कहा कि हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट के बाद बैंक सतर्क हैं. लेकिन अडानी ग्रुप को दिए गए पिछले कर्ज को लेकर कुछ भी चिंताजनक नहीं है. एसबीआई के वरिष्ठ अधिकारी ने यह भी कहा कि अडानी ग्रुप को आरबीआई के तय मानकों के आधार पर ही लोन दिया गया है. लोन देने में नियमों का पूरी तरह पालन किया गया है.
स्पष्टीकरण के लिए कंपनी से संपर्क किया
एसबीआई के चेयरमैन दिनेश कुमार ने कहा कि हाल के दिनों में अडानी ग्रुप ने एसबीआई से किसी तरह की फंडिंग नहीं ली है. एसबीआई से यदि अडानी ग्रुप किसी भी तरह की फंडिंग के लिए रिक्वेस्ट करता है तो उस पर विचार करने के बाद ही निर्णय लिया जाएगा. एक बैंक अधिकारी ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि एसबीआई ने स्पष्टीकरण के लिए कंपनी से संपर्क किया है. अडानी ग्रुप की तरफ से जवाब मिलने के बाद बोर्ड में किसी तरह का फैसला लिया जाएगा.
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