किडनैपिंग से लेकर अटैक तक...हर बार किया बाउंस बैक, लेकिन इस बार क्यों मझधार में फंसे गौतम अडानी?
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किडनैपिंग से लेकर अटैक तक...हर बार किया बाउंस बैक, लेकिन इस बार क्यों मझधार में फंसे गौतम अडानी?

Gautam Adani US Bribe Case: पोर्ट से लेकर एनर्जी क्षेत्र में कार्यरत अडानी समूह के 62 वर्षीय संस्थापक पर अमेरिकी अधिकारियों द्वारा लगाए गए दो अलग-अलग मामलों में रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के गंभीर आरोप लगे हैं. इस तरह के आरोपों का सामना करने वाले वह शायद पहले बड़े भारतीय कारोबारी होंगे. 

किडनैपिंग से लेकर अटैक तक...हर बार किया बाउंस बैक, लेकिन इस बार क्यों मझधार में फंसे गौतम अडानी?

Gautam Adani Success Story: देश के बड़े बिजनेसमैन और अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी एक बार फिर नई मुश्किलों में फंसते नजर आ रहे हैं. अमेरिकी कोर्ट ने अडानी पर रिश्वत देने और धोखाधड़ी करने को लेकर चार्ज फ्रेम किया है. हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब गौतम अडानी इस तरह की मुश्किलों में फंसे हैं. 

इससे पहले भी उन्हें किडनैपिंग से लेकर 26/11 में अटैक तक का सामना करना पड़ा है. इसके अलावा हिंडनबर्ग रिपोर्ट भी अडानी ग्रुप के लिए काल बनकर आई थी. इस रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई थी जिससे अडानी को 150 बिलियन डॉलर से ज्यादा का नुकसान हुआ था. लेकिन हर बार उन्होंने बाउंस बैक किया.  

जीवन के सबसे बड़े संकट का सामना!

उद्योगपति गौतम अडानी का 1998 में डाकुओं ने फिरौती के लिए अपहरण कर लिया था और इसके लगभग 11 साल बाद 26 नवंबर 2008 को आतंकवादियों ने मुंबई पर हमला किया, तो वह समुद्र के किनारे स्थित ताज होटल में बंधक बनाए गए लोगों में से एक थे. बचपन में ही स्कूल छोड़ने वाले गौतम अडानी की संकटों से निपटने की क्षमता और उनके कारोबारी कौशल ने उन्हें भारत के सबसे अमीर लोगों की श्रेणी में पहुंचा दिया है. हालांकि, अब अडानी को संभवतः अपने जीवन के सबसे बड़े संकट का सामना करना पड़ रहा है. 

पोर्ट से लेकर एनर्जी क्षेत्र में कार्यरत अडानी समूह के 62 वर्षीय संस्थापक पर अमेरिकी अधिकारियों द्वारा लगाए गए दो अलग-अलग मामलों में रिश्वतखोरी और प्रतिभूति धोखाधड़ी के गंभीर आरोप लगे हैं. इस तरह के आरोपों का सामना करने वाले वह शायद पहले बड़े भारतीय कारोबारी होंगे. 

अमेरिकी कोर्ट ने क्या लगाए आरोप?

अमेरिकी अभियोजकों ने उनपर और उनके भतीजे सागर सहित सात अन्य लोगों पर सौर ऊर्जा अनुबंधों की अनुकूल शर्तों के बदले भारतीय अधिकारियों को 26.5 करोड़ डॉलर की रिश्वत देने की योजना का हिस्सा होने का आरोप लगाया है, जिससे उनके समूह को दो अरब डॉलर का मुनाफा कमाने में मदद मिल सकती थी. अडानी की सूचीबद्ध कंपनियों के बृहस्पतिवार को 26 अरब डॉलर डूब गए, जो बाजार मूल्य के हिसाब से एक दिन का सबसे बड़ा नुकसान है. 

यह नुकसान अमेरिका की शोध-निवेश कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों के बाद हुए नुकसान का लगभग दोगुना है. हालांकि, समूह ने आरोपों को नकारते हुए इन्हें निराधार बताया है. आरोपों के कारण उनकी वैश्विक महत्वाकांक्षाओं पर रोक लग सकती है. पूछताछ के जोखिम का मतलब यह हो सकता है कि वह अमेरिका और कुछ अन्य पश्चिमी गंतव्यों की यात्रा न करने का विकल्प चुन सकते हैं. उनकी व्यक्तिगत स्थिति से अधिक दांव पर उस साम्राज्य की प्रतिष्ठा है जिसे प्रथम पीढ़ी के उद्यमी ने साढ़े तीन दशक में खड़ा किया है. 

कौन हैं गौतम अडानी?

गौतम अडानी का जन्म गुजरात के अहमदाबाद में एक जैन परिवार में हुआ था. वह कपड़ा कारोबारी शांतिलाल अडानी और शांता अडानी की आठ संतानों में से सातवें हैं. स्कूल छोड़ने के बाद अडानी 16 साल की उम्र में मुंबई चले गए, जहां उन्होंने कुछ समय तक रत्न कारोबार में हीरा छांटने का काम किया. 

वह 1981 में अपने बड़े भाई महासुखभाई की मदद करने के लिए गुजरात लौट आए, जिन्होंने अहमदाबाद में परिवार द्वारा खरीदी गई एक छोटी-सी पीवीसी फिल्म फैक्टरी चलाई. साल 1988 में उन्होंने अडानी एक्सपोर्ट्स के नाम से एक जिंस कारोबारी उद्यम स्थापित किया और 1994 में इसे शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराया. अब इस फर्म का नाम अडानी एंटरप्राइजेज है. 

बंदूक की नोक पर कर लिया गया था अगवा

1 जनवरी 1998 को अडानी और उनके सहयोगी शांतिलाल पटेल को अहमदाबाद में कर्णावती क्लब से कार से निकलने के बाद बंदूक की नोक पर अगवा कर लिया गया. उन्हें कथित तौर पर गैंगस्टर फजलू रहमान और भोगीलाल दर्जी उर्फ ​​मामा (जिन्हें बाद में सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया) ने 15-20 लाख डॉलर की फिरौती के लिए पकड़ा था. दोनों को अगले दिन छोड़ दिया गया. हालांकि, यह पता नहीं चल पाया कि फिरौती दी गई या नहीं. 

26/11 अटैक में बाल-बाल बचे

गौतम अडानी 26 नवंबर 2008 को दुबई पोर्ट के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मोहम्मद शराफ के साथ मुंबई के प्रतिष्ठित ताज होटल में भोजन कर रहे थे. बिलों का भुगतान करने के बाद जब वह बाहर निकलने वाले थे तो कुछ सहयोगियों ने कॉफी पर दूसरी बार बैठक के लिए बुलाया. तभी आतंकवादियों ने होटल पर हमला कर दिया. इस हमले में लगभग 160 लोग मारे गए थे. 

अडानी को अन्य मेहमानों के साथ पहले होटल के रसोईघर में तथा फिर कर्मचारियों द्वारा भूमिगत तल में ले जाया गया. बाद में उन्होंने कहा था कि यदि वह रात्रिभोज का बिल चुकाने के बाद बाहर निकल जाते तो वह भी हमले में फंस जाते. अडानी ने रात भूमिगत तल में और फिर एक हॉल में बिताई, उसके बाद अगली सुबह ‘कमांडो’ ने उन्हें बचाया. 

अडानी ने 27 नवंबर को अपने निजी विमान से अहमदाबाद हवाई अड्डे पर उतरने के बाद कहा था, 'मैंने मौत को सिर्फ 15 फुट की दूरी पर देखा." 

अडानी ग्रुप पर रहेगा भारी दबाव 

शोध-निवेश कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने जनवरी, 2023 में एक रिपोर्ट जारी कर आरोप लगाया कि अडानी समूह ‘दशकों से शेयर बाजार में हेरफेर और लेखांकन धोखाधड़ी योजना में शामिल रहा है.’ हिंडनबर्ग रिसर्च ने इलेक्ट्रिक-वाहन विनिर्माता निकोला और लॉर्डस्टाउन मोटर्स को बंद करवा कर दुनियाभर का ध्यान आकर्षित किया था. 

अडानी ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया और अडानी एंटरप्राइजेज में मेगा शेयर बिक्री को विफल करने के ‘लापरवाह’ प्रयास के लिए हिंडनबर्ग पर मुकदमा करने की धमकी दी. हालिया आरोप उनकी सबसे बड़ी चुनौती साबित हो सकते हैं. सभी कानूनी कार्रवाइयों की तरह, अडानी को तब तक निर्दोष माना जाएगा जब तक कि वह दोषी साबित न हो जाएं, लेकिन तबतक समूह पर दबाव बना रह सकता है. 

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