Finance Minister: ईपीएफओ सब्सक्राइबर्स के लिए बड़ी खबर है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) अंशधारकों की पेंशन मौजूदा 1,000 रुपये प्रति माह से बढ़ाने के श्रम मंत्रालय के प्रस्ताव को ठुकराने के लिए एक संसदीय समिति वित्त मंत्रालय से स्पष्टीकरण मांगेगी.
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EPFO News: ईपीएफओ सब्सक्राइबर्स के लिए जरूरी खबर है. सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के सब्सक्राइबर्स के लिए जरूरी ऐलान किया है. हालांकि ये खबर आपको निराश कर सकती है. दरअसल, सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) सब्सक्राइबर्स की पेंशन बढ़ाने के प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया है. इसके बाद, पेंशन 1,000 रुपये प्रति माह से बढ़ाने के श्रम मंत्रालय के प्रस्ताव को ठुकराने के लिए एक संसदीय समिति वित्त मंत्रालय से स्पष्टीकरण मांगेगी.
EPFO सब्सक्राइबर्स को लगा झटका
श्रम मंत्रालय और ईपीएफओ के शीर्ष अधिकारियों ने गुरुवार को बीजद सांसद भर्तृहरि महताब की अध्यक्षता में श्रम संबंधी संसदीय स्थायी समिति को ईपीएफ पेंशन योजना के संचालन और इसके कोष के प्रबंधन के बारे में बताया. अधिकारियों ने समिति को यह जानकारी दी है कि वित्त मंत्रालय मासिक पेंशन में किसी भी वृद्धि के लिए श्रम मंत्रालय के प्रस्ताव पर सहमत नहीं था. इसके बाद समिति ने अब इस विषय के संबंध में स्पष्टीकरण मांगने के लिए वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों को बुलाने का फैसला किया है.
दरअसल, समिति ने अपनी रिपोर्ट में सदस्य/ विधवा/ विधुर पेंशनभोगी को देय न्यूनतम मासिक पेंशन को कम से कम 2,000 रुपये तक का बढ़ाने की सिफारिश की थी. बढ़ती महंगाई को देखते हुए समिति ने यह प्रस्ताव दिया था.
पेंशन योजना में बदलाव
गौरतलब है कि ईपीएफओ ने छह महीने से भी कम समय में सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (ईपीएस-95) के तहत जमा राशि निकालने पर सहमती दे दी है. अब तक कर्मचारी भविष्य निधि कोष (EPFO) सब्सक्राइबरों को छह महीने से कम सेवा बाकी रहने पर कर्मचारी भविष्य निधि खाते से जमा राशि निकालने की ही इजाजत है. इस फैसले का मतलब है कि अब ईपीएफओ के अंशधारक पेंशन फंड से भी पैसे निकाल सकेंगे.