Budget 2023: बजट में सरकार से AIE ने की मांग, कच्चे माल के लिए राशन की दुकान की व्यवस्था हो
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Budget 2023: बजट में सरकार से AIE ने की मांग, कच्चे माल के लिए राशन की दुकान की व्यवस्था हो

Modi Govt: एसोसिएशन के अध्यक्ष केई रघुनाथन ने कहा क‍ि व्यापारी और निर्माता अपनी मनमर्जी और फैंसी कीमतों के साथ बाजार में हेराफेरी कर रहे हैं. 

Budget 2023: बजट में सरकार से AIE ने की मांग, कच्चे माल के लिए राशन की दुकान की व्यवस्था हो

MSME: एसोसिएशन ऑफ इंडियन एंटरप्रेन्योर्स (AIE) ने 1 फरवरी 2023 को पेश होने वाले बजट में कच्चे माल के लिए राशन की दुकान की व्यवस्था करने की मांग की है. एआईई (AIE) ने सूक्ष्म-लघु और मध्यम उद्यम (MSME) मंत्रालय के तहत सिडबी को लाने और छोटो उद्यमियों द्वारा बेची गई संपत्तियों पर पूंजीगत लाभ कर को समाप्त करने की मांग की है. एआईई (AIE) केंद्र सरकार से इंटर्न के लिए 180 दिनों के लिए वेतन का भुगतान भी चाहता है.

पीडीएस लागू करनी चाहिए
एआईई द्वारा सौंपे गए ज्ञापन के अनुसार एमएसएमई (MSME) के लिए सबसे बड़ी चिंता समय पर और उचित मूल्य पर कच्चे माल की उपलब्धता है. ज्ञापन में एसोसिएशन के अध्यक्ष केई रघुनाथन ने कहा क‍ि व्यापारी और निर्माता अपनी मनमर्जी और फैंसी कीमतों के साथ बाजार में हेराफेरी कर रहे हैं. राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (NSIC) को उचित मूल्य पर आवश्यक कच्चे माल की आपूर्ति के लिए सूक्ष्म उद्यमों को राशन कार्ड प्रणाली जैसी पीडीएस (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) लागू करनी चाहिए.

मूल्य निर्धारण CCI के अधीन होना चाहिए
एआईई (AIE) ने कहा कि कीमतों की प्रभावी निगरानी और नियंत्रण के लिए कच्चे माल का मूल्य निर्धारण भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के अधीन होना चाहिए. एआईई के अनुसार एमएसएमई मंत्रालय को एक्‍ट‍िव होना चाहिए और सिडबी को इसके अंतर्गत लाया जाना चाहिए. एआईई (AIE) की मांगों में पूंजीगत लाभ कर को समाप्त करना है, जो सूक्ष्म उद्यमियों को अपने ऋण खातों को नियमित करने, अपने आपूर्तिकर्ताओं को व्यवस्थित करने और व्यवसाय में पुनर्निवेश करने के लिए अपनी संपत्ति बेचने में सक्षम बनाता है.

एआईई यह भी चाहता है कि केंद्र सरकार सूक्ष्म उद्यमियों के लिए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) छूट की सीमा बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये करे और हर राज्य में एक जीएसटी ट्रिब्यूनल भी स्थापित करे. इसने सरकार को एमएसएमईआईएनटीईआरएन योजना बनाने का भी सुझाव दिया, जिसके तहत एमएसएमई इकाइयों द्वारा रखे गए इंटर्न को केंद्र सरकार द्वारा प्रति माह 6,000 रुपये का वजीफा दिया जाए. एसोसिएशन छोटे निर्यातकों को मुद्रा दरों के उतार-चढ़ाव से बचाने के लिए एक बीमा कवर भी चाहता है. (इनपुट भाषा)

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