केंद्रीय वित्त सचिव समेत विभिन्न पदों पर रहे सुब्बाराव ने अपनी नई पुस्तक 'जस्ट ए मर्सिनरी?: नोट्स फ्रॉम माई लाइफ एंड करियर' में 2जी स्पेक्ट्रम के मूल्य निर्धारण पर फैसला लेने में अपनी भागीदारी के बारे में लिखा है, जो एक मुद्दा है.
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2G Scam Case: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि यदि सरकार की तरफ से घोषित टैक्स छूट को यदि कैग (CAG) द्वारा 'अनुमानित नुकसान' के रूप में मानता है तो यह लोकतंत्र को मजबूत नहीं बल्कि कमजोर करेगा. केंद्रीय वित्त सचिव समेत विभिन्न पदों पर रहे सुब्बाराव ने अपनी नई पुस्तक 'जस्ट ए मर्सिनरी?: नोट्स फ्रॉम माई लाइफ एंड करियर' में 2जी स्पेक्ट्रम के मूल्य निर्धारण पर फैसला लेने में अपनी भागीदारी के बारे में लिखा है, जो एक मुद्दा है. इस मामले में भ्रष्टाचार के आरोपों में यूपीए-2 सरकार घिर गई.
स्पेशल ऑडिट करने का कैग का विशेषाधिकार निर्विवाद
सुब्बाराव 2जी घोटाला मामले और संप्रग-2 के कार्यकाल के दौरान सरकार को हुए संभावित नुकसान की कैग (CAG) की जांच से जुड़े प्रश्न का जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा, ‘यदि कैग को इस तरह के मामले में हस्तक्षेप की अनुमति दी जाती है तो फिर उन्हें बजट में हर प्रकार के टैक्स रियायत को 'अनुमानित नुकसान' के रूप में तार्किक रूप से प्रश्न करने से कौन रोक सकता है? इससे लोकतंत्र मजबूत नहीं होगा, बल्कि कमजोर होगा.’ सुब्बाराव ने जोर दिया कि स्पेक्ट्रम मूल्य निर्धारण का स्पेशल ऑडिट करने का कैग का विशेषाधिकार निर्विवाद है.
उन्होंने कहा, ‘हालांकि, सरकार को होने वाले 'अनुमानित नुकसान' के प्रश्न पर विचार करने का कैग का फैसला और उस नुकसान का परिमाण तय करने में की गई धारणाएं कई आधार पर संदिग्ध हैं.’ सुब्बाराव ने तर्क दिया कि ऐसी स्टडी करना संभव है जो वास्तव में सरकार को ‘अनुमानित लाभ’ दिखाएगा. सरकार को होने वाला समग्र लाभ, राजस्व की हानि से कहीं अधिक है. इसके लिए ऐसी धारणाएं बनाना जरूरी है जो कैग मैथड में निहित धारणाओं से कम मजबूत नहीं होंगी.
उन्होंने कहा, ‘अनुमानित नुकसान के अनुमान से अधिक महत्वपूर्ण, जो कि संदिग्ध था, यह है कि कैग को सरकार के बाजार मूल्य से कम पर स्पेक्ट्रम बेचने के निर्णय के अधिकार पर प्रश्न उठाने का अधिकार है.’ साल 2007 में तत्कालीन संप्रग सरकार में सहयोगी पार्टी द्रमुक के नेताा ए राजा के कार्यकाल में दूरसंचार विभाग (DoT) ने यह तय किया था कि इस सेक्टर में कंप्टीशन को बढ़ावा देने के लिए देश के 23 टेलीकॉम सर्किल में से प्रत्येक में अधिक 2जी संचालकों को लाइसेंस देने की जरूरत है. (भाषा)