हालात पहले से खराब, कोरोना के नए वैरिएंट से ICU में पहुंची चीन की इकॉनमी
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हालात पहले से खराब, कोरोना के नए वैरिएंट से ICU में पहुंची चीन की इकॉनमी

China Economy:  चीन की इकॉनमी पहले से बुरे दौर में है , अब कोरोना के नए वैरिएंट ने उसकी मुश्किल को और बढ़ा दिया है। चीन में कोरोना के बढ़ते मामलों के साथ ही अर्थव्यवस्था पर दबाब बढ़ता जा रहा है।  

china economic crisis

नई दिल्ली: चीन की अर्थव्यवस्था अब तक के सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। कभी दुनिया की फैक्ट्री कहलाने वाला ड्रैगन आज अपनी अर्थव्यवस्था को बचाने में जुटा हुआ है। रेटिंग एजेंसियों ने चीन का मूड पहले से बिगाड़ दिया है। इसी महीने के पहले हफ्ते में रेटिंग एजेंसी मूडीज ने चीन की अर्थव्यवस्था को Stable से घटाकर Negative कर दिया है। चीन का ग्रोथ अनुमान साल 2024-25 में 4 फीसदी और 2026 से 2030 तक औसतन 3.8 फीसदी रह सकता है। चीन अपनी खस्ताहाल इकॉनमी को संभालने में जुटा ही था कि कोविड के नए वैरिएंट ने ड्रैगन की मुश्किल को बढ़ा दिया है।  

कोरोना ने की हालात खराब  

ग्लोबल हेल्थ के मोर्चे पर चीन में नई मुसीबत की घंटी बजाती दिख रही हैं। चीन में कोविड का नया वैरिएंट तेजी से फैल रहा है। चीन में जेएन.1 वेरिएंट डेल्टा वैरिएंट की तरह कहर जारी है। चीनी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वहां कोविड से होने वाली मौतों में लगातार हो रही वृद्धि के कारण अस्पतालों में बेड कम पड़ रहे हैं, श्मशान घाट चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं।  चीन में तेजी से कोरोना फैल रहा है। चीन में तेजी से फैल रही इस बीमारी ने इकॉनमी के लिए खतरा पैदा कर दिया है।  

चीन की अर्थव्यवस्था को झटका  

चीन की अर्थव्यवस्था पहले से ही वेंटिलेटर पर है। अब कोरोना के बढ़ते मामलों ने उसकी चिंता बढ़ा दी है । अगर मामले इसी तरह से बढ़ते रहे तो चीन की खस्ताहाल इकॉनमी और लड़खड़ा जाएगी।  कोविड 19 महामारी और लॉकडाउन के सख्त नियमों ने चीन की इकॉनमी को हिला कर रख दिया। चीन का रियल एस्टेट सेक्टर  धड़ाम हो गया। देश की बड़ी-बड़ी कंपनियां दिवालिया रही है। रियल एस्टेट के संकट ने बैंकिंग सेक्टर को भी अपनी चपेट में ले लिया है। कमजोर आर्थिक दचि ते कारण बेरोजगारी का सकंट गहराता जा रहा है। 

दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में बेरोजगारी की हालात ऐसी है कि सरकार ने आंकड़े जारी करने बंद कर दिए। विदेशी कंपनियां चीन से मुंह मोड़ रही है।  आयात-निर्यात घटता जा रहा है। कारोबार में सरकारी दखल से परेशान कंपनियां चीन से किनारा करने लगी है।  अप्रैल 2023 में वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि चीन की अर्थव्यवस्था संरचनात्मक मंदी का सामना कर रही है। चीन की विकास दर में गिरावट का रुझान आ गया है । अमेरिकी रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ने नवंबर 2023 में चीन की सुस्त इकॉनमी को देखते हुए इसके विकास दर के अनुमान को घटाकर 4.6 फीसदी कर दिया। अब कोरोना के बढ़ते मामलों ने चीन की इकॉनमी के लिए फिर खतरा पैदा कर दिया है। 

 

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