Byju's EGM: शुक्रवार को हुई ईजीएम में (EGM) में निवेशकों ने बायजू रवींद्रन को सीईओ पद से हटाने और बोर्ड का पुनर्गठन करने के प्रस्ताव पारित किया था. रवींद्रन ने कहा कि EGM में नियमों का उल्लंघन हुआ है. उन्होंने भविष्य में कानूनी कार्रवाई करने का भी इशारा दिया.
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Byju Raveendran Letter To Employees: वित्तीय संकट से जूझ रही एडटेक कंपनी बायजू में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा. पहले कुछ निवेशक एनसीएलटी चले गए और उन्होंने कंपनी में मिसमैनेजमेंट के लिए फाउंडर बायजू रवींद्रन और उनके परिवार को बाहर करने की अपील की. उसी दिन शाम को खबर आई कि शेयरहोल्डर्स ने एडटेक स्टार्टअप में फाउंडर-सीईओ रवींद्रन और उनकी फैमिली को बोर्ड से हटाने के लिए वोटिंग की थी. लेकिन अब बायजू रवींद्रन ने कंपनी कर्मचारियों को एक लेटर के लिखकर कहा, वह बायजू के सीईओ बने रहेंगे और मैनेजमेंट में किसी तरह का बदलाव नहीं होगा. उनका यह लेटर निवेशकों के उन्हें सीईओ पद से हटाने के लिए की गई वोटिंग के बाद आया है.
वोटिंग में 170 में से 35 शेयरहोल्डर्स ने ही हिस्सा लिया
कर्मचारियों को लिखे गए पत्र में बायजू ने वोटिंग को 'बेकार' बताया है. उन्होंने कहा यह केवल तमाशा था और दावा किया कि वोटिंग में 170 में से 35 शेयरहोल्डर्स ने ही हिस्सा लिया, जो कि कुल स्टॉकहोल्डर्स का 45% है. इससे पहले शुक्रवार को हुई ईजीएम में (EGM) में निवेशकों ने बायजू रवींद्रन को सीईओ पद से हटाने और बोर्ड का पुनर्गठन करने के प्रस्ताव पारित किया था. रवींद्रन ने कहा कि EGM में नियमों का उल्लंघन हुआ है. उन्होंने भविष्य में कानूनी कार्रवाई करने का भी इशारा दिया. बोर्ड में बायजू की पत्नी दिव्या गोकुलनाथ और भाई रिजू रवींद्रन भी शामिल हैं.
मैनेजमेंट में कोई बदलाव नहीं होगा, बोर्ड भी वही रहेगा
बायजू के फाउंडर रवींद्रन ने अपने पत्र में यह भी दावा किया कि बहुत कम निवेशकों ने ही उनको हटाने के लिए मतदान किया. उन्होंने यह भी लिखा कि शेयरहोल्डर्स करार के तहत बोर्ड को ही बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स, मैनेजमेंट और सीईओ की भूमिका बदलने का अधिकार है, न कि किसी शेयरहोल्डर्स के ग्रुप को. रवींद्रन ने लिखा उस मीटिंग में जो भी फैसले लिये गए, उनकी अहमियत नहीं है क्योंकि वे नियमों के अनुसार नहीं थे. उन्होंने कहा, 'मैं आपको यह लेटर कंपनी के सीईओ के रूप में लिख रहा हूं. आपने मीडिया में आई खबरों में जो भी पढ़ा, उसके उलट-मैं सीईओ बना रहूंगा. मैनेजमेंट में कोई बदलाव नहीं होगा और बोर्ड भी वही रहेगा.'
टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के अनुसार दूसरी तरफ निवेशकों के सूत्रों ने दावा किया कि कंपनी के 60% से ज्यादा शेयर रखने वाले निवेशकों ने रवींद्रन को हटाने और बोर्ड में बदलाव के प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया. वहीं, रवींद्रन का दावा है कि ये प्रस्ताव गलत हैं और वो इन्हें चुनौती देंगे. उन्होंने कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि वह अभी भी CEO हैं और कंपनी का मैनेजमेंट और बोर्ड भी वही है.