Share Market Today: KRN हीट एक्सचेंजर के शेयरों ने भी आज शेयर बाजार में धांसू एंट्री ली है. कंपनी के शेयर 480 रुपये पर एंट्री हुई है यानी निवेशकों को करीब 118 फीसदी का लिस्टिंग गेन मिला है. इसके आईपीओ को ऑवरऑल 213 गुना से अधिक बोली मिली थी.
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Share Markesh Crash: मिडिल ईस्ट में ईरान और इजरायल के बीच जारी जंग के बीच गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार धड़ाम हो गया. सेंसेक्स और निफ्टी एक प्रतिशत से अधिक की गिरावट के साथ खुले. बीएसई सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 1,264.2 अंक गिरकर 83,002.09 अंक पर आ गया. एनएसई निफ्टी 345.3 अंक फिसलकर 25,451.60 अंक पर खुला.
हालांकि, इसके बावजूद कुछ शेयर हैं जो मचाल मचा रहे हैं. टेकएरा इंजीनियरिंग के शेयरों ने आज शेयर बाजार में धमाकेदार एंट्री ली है. आईपीओ निवेशकों को 50 फीसदी से ज्यादा का लिस्टिंग गेन मिला है. कंपनी के शेयर 125 रुपये पर एंट्री हुई है. आपको बता दें कि कंपनी के आईपीओ को ओवरऑल 69 गुना से अदिक बोली मिली थी.
KRN एक्सचेंजर की धमाकेदार एंट्री
इसके अलावा केआरएन हीट एक्सचेंजर के शेयरों ने भी आज शेयर बाजार में धांसू एंट्री ली है. कंपनी के शेयर 480 रुपये पर एंट्री हुई है यानी निवेशकों को करीब 118 फीसदी का लिस्टिंग गेन मिला है. इसके आईपीओ को ऑवरऑल 213 गुना से अधिक बोली मिली थी.
अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस पावर ने भी अपर सर्किट लगाया है. इसके अलावा JSW, जिंदल स्टील एंड पावर, गेल, ओएनजीसी, टाटा स्टील, पेट्रोनेट एलएनजी, और एसबीआई के शेयर भी धमाल मचा रहे हैं.
सबसे अधिक गिरावट इन कंपनियों में
सबसे अधिक गिरावट ऑटो, एफएमसीजी, रियल्टी, मीडिया, एनर्जी और प्राइवेट बैंक इंडेक्स में देखी जा रही है. केवल मेटल इंडेक्स ही हरे निशान में थे. स्टॉक्सकार्ट के मुताबिक, मध्य पूर्व में ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव और वैश्विक बाजार उथल-पुथल के कारण भारतीय शेयर बाजार लाल निशान में खुले हैं. गुरुवार के अब तक के कारोबार में एशियाई बाजारों में मजबूती देखने को मिली है.
क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट्स
इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि ईरान-इजरायल के बीच संघर्ष के चलते कंपनियों को उच्च माल ढुलाई लागत का सामना करन पड़ सकता है, क्योंकि लेबनान में मौजूद ईरान समर्थित हिजबुल्लाह मिलिशिया के यमन में मौजूदा हूती विद्रोहियों के साथ गहरे संबंध हैं, जो कि लाल सागर में ज्यादातर जहाजों पर हमला करने के लिए जिम्मेदार है.
उन्होंने आगे कहा कि इजरायल और ईरान के बीच सीधा संघर्ष भारतीय निर्यातकों के लिए महत्वपूर्ण व्यापार मार्ग लाल सागर को गंभीर रूप से बाधित कर सकता है. लाल सागर क्राइसिस पिछले साल अक्टूबर में शुरू हुई थी, जब ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों की ओर से इलाके में व्यापार को बाधित करना शुरू किया गया था.