छात्रों को फ्री में टेक्निकल स्किल सिखा रही Toyota, होस्टल की भी फैसिलिटी; ऐसे होता है एडमिशन
Advertisement
trendingNow11919732

छात्रों को फ्री में टेक्निकल स्किल सिखा रही Toyota, होस्टल की भी फैसिलिटी; ऐसे होता है एडमिशन

Toyota Technical Training Institute: टोयोटा टेक्निकल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट का उद्देश्य ग्रामीण बच्चों को टेक्निकल स्किल्ड बनाना है. इसकी शुरुआत साल 2007 में हुई थी.

Toyota Technical Training Institute

Toyota Technical Training Institute Details: टोयोटा अपनी कारों की मजबूती और रिलायबिलिटी के लिए दुनियाभर में पहचान बनाए हुए है. भारत में जब कोई टोयोटा की बात करता है तो उसकी कारों की मजबूती और रिलायबिलिटी का जिक्र जरूर आता है. यहां टोयोटा की सबसे पॉपुलर कारें- फॉर्च्यूनर और इनोवा हैं, इन्हें बेंगलुरु के पास बिदादी इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित TKM प्लांट में तैयार किया जाता है. इनके अलावा, टोयोटा की अन्य कारें भी यहीं बनती हैं. हम इस प्लांट को देखने के लिए गए तो हमनें यहां एक इंस्टीट्यूट भी देखा, जिसे टोयोटा चलाती है. यह टोयोटा टेक्निकल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (TTTI) है. 

टोयोटा टेक्निकल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट

इस टोयोटा टेक्निकल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट का उद्देश्य ग्रामीण बच्चों को टेक्निकल स्किल्ड बनाना है. इसकी शुरुआत साल 2007 में हुई थी. इसमें कर्नाटक के सभी एरिया से बच्चों का सिलेक्शन किया जाता है, जिन्हें ऑटोमोबाइल इंडस्ट्रीज के हिसाब टेक्निकल स्किल सिखाई जाती हैं. TTTI कोर्स के लिए सलेक्ट होने वाले छात्रों की उम्र किसी भी साल 15 जुलाई तक 15 से 17 साल के बीच होनी अनिवार्य है. इसके साथ ही, उन्होंने 10वीं का एग्जाम एक बार में पास किया होना चाहिए.

TTTI में दो प्रोग्राम हैं

TTTI में दो अलग-अलग प्रोग्राम- रेगुलर कोर्स और कौशल्या हैं. रेगुलर कोर्स 3 साल का होता है और इसमें 64 बच्चे हैं. यह कोर्स 6 सेमिस्टर में बंटा है. वहीं, कौशल्या प्रोग्राम में 200 बच्चे हैं और यह 2 साल का है. हालांकि, कंपनी की योजना आने वाले समय में स्टूडेंट्स में छात्रों की संख्या को बढ़ाकर 500 तक करने की है. 

यहां छात्रों का रहना, खाना और पढ़ाई (दोनों कोर्स) पूरी तरह से फ्री हैं. कोर्स के दौरान वह नट-बोल्ट बांधने से लेकर कार के अन्य सभी भागों से जुड़ी जानकारी हासिल करते हैं. टोयोटा इस साल कुछ बच्चों को ट्रेनिंग के लिए जापान भी भेजने का प्लान कर रही है. 

कैसे होता है बच्चों का सिलेक्शन?

बच्चों के सिलेक्शन के लिए 6 अलग-अलग टेस्ट होते हैं, जो उन्हें पास करने होते हैं. इसमें रिटन टेस्ट, स्किल टेस्ट, फिजिकल टेस्ट, असिस्मेंट, पर्सनल इंटरव्यू और मेडिकल टेस्ट एंड अटेंडेंस शामिल है. सिलेक्शन के बाद सबसे पहले बच्चों की अंग्रेजी बोलना और लिखना सिखाया जाता है. उन्हें सभी असाइंमेंट अंग्रेजी में ही तैयार करने होते हैं. इसके साथ ही, डिसिप्लिन पर भी फोकस किया जाता है. 

ट्रेनिंग के बाद क्या?

ट्रेनिंग के बाद छात्रों के पास टोयोटा सहित अन्य सभी ऑटोमोबाइल कंपनियों के साथ काम करने का ऑप्शन रहता है. इनकी स्किल को लगातार मॉनिटर किया जाता है. उसके आधार पर टोयोटा भी इन छात्रों को अपने प्लांट में जॉब पर रख लेती है. इन बच्चों को शुरुआत में 14 से 15 हजार रुपए मिलते हैं. वहीं, बहुत से छात्र अन्य कंपनियों के साथ जुड़ जाते हैं. कुछ बच्चे देश के बाहर भी जॉब करते हैं. टोयोटा खुद जापान में कई बच्चों को जॉब ऑफर कर देती है. इस साल इंस्टीट्यूट के 6 बच्चों का जापान के लिए सिलेक्शन हुआ है.

Trending news