Collision warning system: सड़क पर आपकी जान जाने का खतरा अब नहीं के बराबर होगा, सरकार करने जा रही ये इंतजाम
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Collision warning system: सड़क पर आपकी जान जाने का खतरा अब नहीं के बराबर होगा, सरकार करने जा रही ये इंतजाम

Good news: यह प्रणाली टक्कर की स्थिति में समय रहते चेतावनी देगी. केंद्रीय मंत्रालय ने इस संबंध में एक मसौदे में MOIS के लिए वाहन उद्योगों के लिए मानक तय किए हैं. इसे सार्वजनिक परामर्श लेने के बाद अधिसूचित किया जाएगा. 

Collision warning system: सड़क पर आपकी जान जाने का खतरा अब नहीं के बराबर होगा, सरकार करने जा रही ये इंतजाम

MoRTH proposed collision warning signal system: अगर आप सड़क, एक्सप्रेसवे या हाईवे पर पैदल, साइकिल या मोटरसाइकिल से चल रहे हैं तो अब आपकी जान जाने का खतरा नहीं के बराबर होगा. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (Road Transport and Highways Ministry)  ने सड़क सुरक्षा को लेकर विशेष पहल की शुरुआत कर दी है. दरअसल केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MORTH) ने पैदल चलने वालों और साइकिल चालकों से टक्कर की आशंका को कम करने के लिए चार पहिया वाहनों, यात्री और वाणिज्यिक वाहनों की कुछ श्रेणियों में विनिर्माण के समय ही 'मूविंग ऑफ इन्फॉर्मेशन सिस्टम' (MOIS) लगाने का प्रस्ताव दिया है.

समय रहते मिलेगी चेतावनी

यह प्रणाली टक्कर की स्थिति में समय रहते चेतावनी देगी. केंद्रीय मंत्रालय ने इस संबंध में एक मसौदे में MOIS के लिए वाहन उद्योगों के लिए मानक तय किए हैं. इसे सार्वजनिक परामर्श लेने के बाद अधिसूचित किया जाएगा. इस तरह की कवायद से साफ है कि मंत्रालय अब सड़क हादसों को रोकने के लिए ट्रकों और बसों में खास सेंसर (Sensor) लगाना अनिवार्य कर सकती है. मंत्रालय का दावा है कि ये सेंसर दुर्घटना बहुल्य क्षेत्रों में पैदल यात्रियों और साइकिल चालकों की पहचान कर ट्रक और बस ड्राइवरों को पहले ही सचेत कर देता है. 

क्या है MOIS ?

मूविंग ऑफ इंफॉर्मेशन सिस्टम (MOIS) का अर्थ है एक ऐसी प्रणाली जो वाहन चालक को पास में पैदल चलने वालों और साइकिल चालकों की उपस्थिति का पता लगाने और सूचित करने की सुविधा देती है और यदि जरूरी हो तो विनिर्माता की रणनीति के आधार पर संभावित टक्कर के बारे में चालक को चेतावनी देती है.

पिछले साल सड़क हादसों में हर घंटे 19 लोगों की मौत

सड़क मंत्रालय का प्रस्ताव इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि 2022 में भारत में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या चिंताजनक रूप से 12 प्रतिशत बढ़कर 4.6 लाख से अधिक हो गई, जिससे हर घंटे 19 लोगों की मौत हुई है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 2024 तक देश में दुर्घटनाओं और उनसे होने वाली मौतों की संख्या को आधा करने का लक्ष्य रखा है.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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