What is crash test: गाड़ियों को क्रैश टेस्ट के माध्यम से जांचा जाता है. ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्ट में एक गाड़ी को एक सीमित स्पीड पर दौड़ाया जाता है और टकराया जाता है. इसके बाद, गाड़ी के एक्सटीरियर और इंटीरियर की विस्तृत जांच की जाती है और उन्हें रेटिंग मिलती है.
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Global NCAP Crash Test Process: हाल ही में मारुति सुजुकी की दो कारों- मारुति सुजुकी वैगनआर और ऑल्टो K10 की सेफ्टी रेटिंग सामने आई है. अंतरराष्ट्रीय एजेंसी ग्लोबल एनसीएपी (Global NCAP) ने इन्हें क्रैश टेस्ट में 1 स्टार और 2 स्टार रेटिंग दी. इसके अलावा फॉक्सवैगन और स्कोडा की सेडान कार का भी क्रैश टेस्ट हुआ, जिन्हें 5 स्टार रेटिंग मिली है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर गाड़ियों का क्रैश टेस्ट किया कैसे जाता है और किस आधार पर इन्हें 0 से 5 के बीच की रेटिंग दी जाती है.
क्या है Global NCAP
ग्लोबल NCAP (New Car Assessment Program) एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है, जो गाड़ियों के सुरक्षा मानकों की जांच करता है. इस संगठन का मुख्य उद्देश्य गाड़ियों की सुरक्षा बढ़ाना है. इस संगठन द्वारा गाड़ियों को क्रैश टेस्ट के माध्यम से जांचा जाता है. ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्ट में एक गाड़ी को एक सीमित स्पीड पर दौड़ाया जाता है और टकराया जाता है. इसके बाद, गाड़ी के एक्सटीरियर और इंटीरियर की विस्तृत जांच की जाती है और उन्हें रेटिंग मिलती है.
कैसे होता है कारों का क्रैश टेस्ट
क्रैश टेस्ट करने के लिए इसके भीतर एक डमी रखी जाती है. इस डमी को इंसान की तरह बैठाया जाता है. ग्लोबल एनसीएपी क्रैश टेस्ट में कार को 64 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से दौड़ाया जाता है और सामने की तरफ एक बैरियर से टकराया जाता है. यह टक्कर इस लेवल की होती है जैसे समान वजन वाली दो गाड़ियां 50 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से आपस में टकरा जाएं.
क्रैश टेस्टों को कई तरीके से किया जाता है, जिसमें फ्रंटल, साइडल, रियर, और पोल टेस्ट शामिल हैं. फ्रंटल टेस्ट में कार को सीधे सामने से टकराया जाता है, साइडल टेस्ट में कार को साइड से टकराया जाता है, रियर टेस्ट में कार को पिछले भाग से टकराया जाता है और पोल टेस्ट में कार को ऊपर से गिराया जाता है.
कैसे मिलती है रेटिंग
एनसीएपी के तहत कार को 0 से 5-स्टार के बीच रेटिंग दी जाती है. रेटिंग जितनी अधिक होगी, कार उतनी ही सुरक्षित होगी. यह रेटिंग एडल्ट ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन और चाइल्ड ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन स्कोर पर आधारित है. यह स्कोर कार में रखी गई डमी की रीडिंग से प्राप्त होते हैं. इसके अलावा कार में दिए गए सेफ्टी फीचर्स के लिए भी अलग से अंक दिए जाते हैं.
एडल्ट ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन
एडल्ट ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन के लिए 17 अंक रखे गए हैं. टक्कर के दौरान कार में मौजूद व्यस्क यात्रियों के शरीर को पहुंचने वाली चोट के आधार पर अंक मिलते हैं. इसके लिए शरीर को चार भागों में बांटा गया है.
1)- हेड और नेक (सिर और गर्दन)
2)- चेस्ट और क्नी (सीना और घुटना)
3)- फीमर और पेल्विस (जंघा और पेडू, वस्ति-प्रदेश)
4)- लेग और फुट (पैर और पंजा)
चाइल्ड ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन
चाइल्ड ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन के लिए 49 अंक रखे गए हैं. इसके लिए कार में 18-महीने और 3-साल के बच्चे के साइज की डमी रखी जाती हैं. कार में चाइल्ड रेस्ट्रेंट सिस्टम मार्किंग, थ्री पॉइंट सीट बेल्ट, और ISOFIX आदि के लिए अतिरिक्त अंक दिए गए हैं.