VASTU TIPS: रसोई घर के ऊपर भूलकर भी न बनाएं बेडरूम, जीवन में होते हैं आर्थिक नुकसान
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VASTU TIPS: रसोई घर के ऊपर भूलकर भी न बनाएं बेडरूम, जीवन में होते हैं आर्थिक नुकसान

Vastu Shastra: घर में रसोई का स्थान बहुत ही अहम होता है. घर के रसोई की सही दिशा आपके जीवन में बरकत ला सकती है. लेकिन रसोई की दिशा में समस्या है तो यह आपके जीवन में भी बड़ी समस्या ला सकती है. यहां आप जानेंगे कि घर में रसोई की सही दिशा क्या होनी चाहिए.

फाइल फोटो

Vastu Tips for kitchen: यह तो आप जानते हैं कि घर के आग्नेय कोण में ही रसोई घर होना चाहिए, वास्तु शास्त्रों में आग्नेय कोण यानी पूरब और दक्षिण के मध्य का स्थान अग्नि स्थान कहलाता है. सभी अग्नि कर्म इसी स्थान पर होने चाहिए. शास्त्रों ने पूर्व दिशा के स्वामी को सूर्य तथा देवता को इंद्र कहा है, वैसे यह दिशा सृजनात्मक दिशा कही जाती है. दक्षिण दिशा का स्वामी मंगल है, इसके देवता यम हैं. इसे संहार की या रूपांतरण की दिशा कहा जाता है. इन दोनों के बीच आग्नेय कोण है जिसमें प्राकृतिक अग्नि का वास है और अग्नि में निर्माण और विनाश दोनों की ही क्षमता होती है, इसलिए इस स्थान पर जब आग जलती है तब यहां का आग्नेय मंडल का प्रभाव बहुत बढ़ जाता है. यदि कुछ वर्षों तक इस स्थान पर अग्नि कर्म होता रहे तो स्वाभाविक ही है कि यहां का आग्नेय मण्डल ताप से भर जाएगा. जिन कार्यों के लिए अग्नि की जरूरत होती है उन्हें यहां पर किया जाता है.  

सिर के ऊपर की रसोई उड़ा देती है नींद 

इतने भर से घर वास्तु दोष से मुक्त है यह मान लेना खतरनाक हो सकता है क्योंकि आजकल दो मंजिला मकान में या बहुमंजली इमारतों और डुप्लैक्स फ्लैटों में अक्सर देखा गया है कि किसी का शयनकक्ष या ऑफिस या तो रसोई घर के ऊपर है या नीचे. वास्तु की दृष्टि में घर में अग्नि स्थापन रसोई में होता है और यह सबसे महत्वपूर्ण बात है कि जहां पर कुछ वर्षों से रसोई पक रही हो, अग्नि जल रही हो, वहां पर निश्चित ही वातावरण अग्नि के प्रभाव में होगा. रसोई में अग्नि स्थापन जितना पुराना होता है, उतना ही अग्नि का प्रभाव बढ़ाता जाता है, इसका प्रभाव धीरे-धीरे ऊपर या नीचे की मंजिलों पर पड़ने लगता है और परिणाम यह होता है कि अगर इस रसोई के नीचे या ऊपर अपना शयनकक्ष या ऑफिस बना लें तो यह निश्चित है कि उसे इस आग्नेय मण्डल के कुप्रभाव झेलने ही पड़ेंगे. 

अग्नि ऊर्जा का प्रभाव बढ़ाता है उच्च रक्तचाप

अक्सर देखा गया है कि अग्नि स्थापना के ऊपर सोना या ऑफिस इत्यादि बनाना अत्यंत कष्टकारी परिणाम देता है. इसका परिणाम सिर्फ यह है कि अग्नि स्थापना के नीचे या ऊपर अत्यंत विकसित अग्नि ऊर्जा का क्षेत्र प्रभावी होता है और अधिक समय तक इस क्षेत्र में निवास करने पर उच्च रक्तचाप, स्नायु दौर्बल्य, अकारण क्रोध, अनिद्रा, पारिवारिक क्लेश, मनमलीनता, निर्णय क्षमता में कमी, पित्त की अधिकता, कानूनी विवाद, धन हानि व्यावसायिक विवाद आदि दोष देखे जा सकते हैं.  

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