Pitru Paksha: पितृ पक्ष में करना चाहते हैं पितरों को प्रसन्न तो गाय को करें खुश
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Pitru Paksha: पितृ पक्ष में करना चाहते हैं पितरों को प्रसन्न तो गाय को करें खुश

Pitru Paksha Significance: पुराणों में बताया गया है कि गाय का दान गंगा तट पर करने से जन्मों जन्म के पापों का शमन हो जाता है. लेकिन जो लोग आर्थिक कारणों से गाय का नहीं कर सकते हैं, वह गौ सेवा करके यह लाभ ले सकते हैं.

Pitru Paksha

Pitru Paksha Rules: ज्योतिष शास्त्र में कुंडली के दोषों और ग्रहों की शांति के लिए कई तरह के उपाय बताए गए हैं जिसमें धर्म, पूजा, जाप और दान आदि के बारे में कहा गया है. किसी तरह के प्रायश्चित या महापापों को जब शांत करने का विषय आता है तो विद्वान लोग गऊ दान की महिमा बताते हैं और यह बात धर्मग्रंथों में भी लिखी गई है.  

पुराणों में बताया गया है कि गाय का दान गंगा तट पर करने से जन्मों जन्म के पापों का शमन हो जाता है. लेकिन जो लोग आर्थिक कारणों से गाय का नहीं कर सकते हैं, वह गौ सेवा करके यह लाभ ले सकते हैं. गौशाला में गाय के संरक्षण चारा आदि के लिए आप अपना आर्थिक सहयोग देकर इस पुण्य कार्य के भागी बन सकते हैं. आधुनिक संदर्भ में में गाय को प्लास्टिक खाने से रोकना है क्योंकि भोजन की तलाश में सड़कों पर घूमती हुई गाय प्लास्टिक बैग को खा लेती हैं और कई बार यह उनकी मृत्यु का कारण बन जाता है. पॉलीथिन में खाने पीने का सामान न फेंक कर भी आप गाय के संरक्षण में अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग कर सकते हैं.  

दरवाजे पर आई हुई या बैठी हुई गाय को कभी भी दुत्कारना नहीं चाहिए, आपको यह मानना चाहिए कि आप भाग्यशाली हैं जो आपके दरवाजे पर गाय माता आई हैं. आप अपने घर से रोटी या आटे की लोई खिलाकर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं. जो लोग गाय को पालते हैं वह दूध दुहने के बाद उसे यूं ही सड़क पर घूमने के लिए न छोड़ दें.  

रंग 

ज्योतिष शास्त्र की दृष्टि से चितकबरी और काली गाय शनि राहु व केतु की प्रतीक मानी जाती है. जिनकी कुंडली में शनि, राहु और केतु संबंधी दिक्कत हो उन्हें अवश्य ही ऐसी गाय को भोजन कराना चाहिए. सूर्य की पॉवर पाने के लिए मैरून कलर की गाय को रविवार को भोजन कराएं और गुड़ खिलाएं. चंद्रमा और शुक्र के लिए सफेद गाय की सेवा करें. बुध के लिए बुधवार को हरा चारा खिलाएं. डिप्रेशन की अवस्था में गुरुवार को गाय के साथ रहें. गाय सकारात्मक ऊर्जा का बहुत बड़ा स्रोत है. गाय की सेवा करने से गाय के साथ ही पितर भी प्रसन्न होते हैं.

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