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Shardiya Navratri 2023: शारदीय नवरात्रि की शुरूआत आज से हो चुकी है.15 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक लगातार 9 दिन मां दुर्गा के 9 रुपों की पूजा की जाती है. इस दौरान भक्त बड़े ही श्रद्धा भाव से माता की प्रतिमा को स्थापित करते हैं. लेकिन यदि मां दुर्गा की प्रतिमा को स्थापित करने की सही दिशा का ज्ञान ना हो तो इसका नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता है. आइए विस्तार में जानते हैं कि नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की प्रतिमा के साथ उनकी चौकी को किस दिशा में स्थापित करना शुभ माना जाता है, ताकि पूरे वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार बना रहे.
कौन सी दिशा में रखें माता की चौकी
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का ईशान कोण को देवी देवताओं का वास माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि घर का मंदिर भी अगर बनाना हो तो ईशान यानी कि उत्तर दिशा में ही बनाए. नवरात्रि के दौरान पूरे नौ दिनों तक माता के सामने अखंड ज्योत जलाई जाती है. इसलिए सही दिशा का ज्ञान होना आवश्यक है. तो वास्तु शास्त्र के अनुसार ईशान कोण यानी कि उत्तर दिशा में ही माता की चौकी को स्थापित करना शुभ माना जाएगा.
ईशान कोण ही क्यों है शुभ
वास्तु शास्त्र में ईशान कोण को सबसे शुभ माना जाता है. दरअसल ऐसा इसलिए है क्योंकि इस दिशा में नकारात्मक ऊर्जा का नहीं बल्कि सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. साथ ही ईशान कोण के अर्थ को समझे तो यह उत्तर और पूर्व दिशा के बीच की दिशा होती है. यह दिशा किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत करने के लिए शुभ मानी जाती है. इसलिए नवरात्रि में माता की चौकी उत्तर दिशा में ही स्थापित करें.
कैसी हो माता की चौकी
वास्तु शास्त्र के अनुसार माता की चौकी लकड़ी श फिर चांदी की भी हो सकती है. नहीं तो चंदन की लकड़ी पर भी माता की प्रतिमा को स्थापित कर सकते हैं. चंदन को बेहद ही शुभ माना जाता है साथ ही यह पूरे वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)