Aprajita Phool Ke Upay: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ में फूलों का विशेष महत्व होता है और जब अपराजिता का फूल देवताओं को अर्पित किया जाता है, तो भगवान प्रसन्न होते हैं और उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है.
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Aprajita Phool Ke Upay: अपराजिता के फूल को विष्णुकांता भी कहा जाता ह. यह एक विशेष फूल है. पूजा-पाठ में इस फूल का विशेष महत्व है. यह भगवान विष्णु और शनि देव दोनों को ही प्रिय है. धार्मिक मान्यता है भगवान विष्णु और शनि देव को इस फूल को चढ़ाने से खुश होते हैं और इससे व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति और समृद्धि की वृद्धि होती है. इसके अलावा, अपराजिता के फूल में विशेष शक्तियां मानी जाती हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस फूल से जुड़े कुछ उपाय ऐसे हैं जो घर में सुख-शांति लाते हैं. खासकर अगर कोई आर्थिक समस्याओं से जूझ रहा हो तो अपराजिता के फूल से जुड़े उपाय उसकी सहायता कर सकते हैं.
अड़चनें होंगी दूर
शनि देव, शास्त्रों के अनुसार कठिनाइयों और प्रतिबंधकों के देवता माने जाते हैं. उन्हें नीले अपराजिता के फूल विशेष रूप से पसंद हैं. धार्मिक मान्यता है कि शनिवार के दिन शनि देव को इस फूल की माला चढ़ाने से वे जल्द प्रसन्न होते हैं और इससे व्यक्ति को सुख-समृद्धि मिलती है. इसके अलावा, शनि देव की कृपा से सभी प्रकार की अड़चनें भी दूर हो जाती हैं.
आर्थिक स्थिति में सुधार
भगवान शंकर की पूजा के लिए विशेष दिन सोमवार को माना गया है, इसलिए अगर किसी व्यक्ति को आर्थिक तंगी की समस्या हो तो सोमवार के दिन शिवलिंग पर अपराजिता के फूल चढ़ाने से भोले नाथ का आशीर्वाद प्राप्त होता है और व्यक्ति की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है. दूसरा उपाय ये है की आप सोमवार के दिन बहती नदी में पांच अपराजिता के फूल एक साथ प्रवाहित कर सकता है. इससे उसकी आर्थिक समस्याओं में सुधार होता है.
मनोकामना पूर्ति के लिए
अपराजिता के फूलों की बनी माला का भी अपना विशेष महत्व है. यदि व्यक्ति अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति चाहता है, तो उसे चाहिए कि वह अपराजिता के फूलों की माला मां दुर्गा, शनि देव, भगवान शिव और भगवान विष्णु को अर्पित करे. इससे उसे देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है और उसकी मनोकामना जल्द पूरी होती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)