Fake Universities list in India: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने शुक्रवार को एक नोटिफिकेशन जारी कर देश के विभिन्न राज्यों में संचालित विश्वविद्यालयों की सूची जारी कर इन्हें फर्जी करार देते हुए छात्रों को यहां एडमिशन न कराने की सलाह दी है.
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नई दिल्लीः विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने देशभर के अलग-अलग राज्यों से चलाए जा रहे 21 विश्वविद्यालयों को फर्जी घोषित कर दिया है. साथ ही छात्रों को इन संस्थानों में एडमिशन न लेने की अपील की है. इन विश्वविद्यालयों में दिल्ली में आल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फिजिकल हेल्थ साइंस यूनिवर्सिटी, नेशनल यूनिवर्सिटी आफ इलेक्ट्रो कम्प्लेक्स होम्योपैथी कानपुर, विश्वकर्मा ओपन यूनिवर्सिटी फार सेल्फ एम्प्लायमेंट इंडिया कमर्शियल यूनिवर्सिटी लिमिटेड, वॉकेशनल यूनिवर्सिटी, , यूनाइटेड नेशन्स यूनिवर्सिटी, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड इंजीनियरिंग, एडीआर सेन्ट्रिक ज्यूरिडिकल यूनिवर्सिटी, एडीआर सेन्ट्रिक ज्यूरिडिकल यूनिवर्सिटी और आध्यात्मिक विश्वविद्यालय शामिल हैं. उत्तर प्रदेश से इस लिस्ट में दर्ज फर्जी विश्वविद्यालयों में गांधी हिन्दी विद्यापीठ प्रयाग, नेताजी सुभाष चंद्र बोस यूनिवर्सिटी अलीगढ़ और भारतीय शिक्षा परिषद फैजाबाद शामिल हैं.
दिल्ली में सबसे ज्यादा फर्जी विश्वविद्यालय
यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने इस संबंध में एक आधिकारिक पत्र जारी करते हुए कहा है कि फर्जी घोषित किए गए यह सभी विश्वविद्यालय छात्रों को डिग्री नहीं दे सकते हैं. खास बात यह है कि फर्जी घोषित किए गए विश्वविद्यालयों में सबसे ज्यादा विश्वविद्यालय देश की राजधानी दिल्ली में ही है. दिल्ली के बाद दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा फर्जी विश्वविद्यालय पाए गए हैं.
छात्र न लें यहां दाखिला
यूजीसी ने मुल्कभर के सभी छात्रों के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा है कि इंडियन इंस्टीट्यूट आफ साइंस एंड इंजीनियरिंग, आध्यात्मिक विश्वविद्यालय समेत उत्तर प्रदेश के गांधी हिन्दी विद्यापीठ प्रयाग, नेताजी सुभाष चंद्र बोस यूनिवर्सिटी अलीगढ़ और भारतीय शिक्षा परिषद फैजाबाद मैं कोई भी छात्र दाखिला न ले क्योंकि यह सभी विश्वविद्यालय पूरी तरह से गैर मान्यता प्राप्त और फर्जी हैं.
किस राज्य में कितने फर्जी विश्वविद्यालय
यूजीसी द्वारा फर्जी विश्वविद्यालयों के बारे कहा गया है कि देश के विभिन्न भागों में यह 21 विश्वविद्यालय बिना किसी मान्यता के चल रहे हैं और यूजीसी से इनका कोई संबंध नहीं है. यह सभी फर्जी विश्वविद्यालय विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियमन 1956 का उल्लंघन भी कर रहे हैं. इनमें सबसे अधिक दिल्ली में 8, उत्तर प्रदेश में 4, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में 2-2 और कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, पुडुचेरी और आंध्र प्रदेश में एक-एक फर्जी विश्वविद्यालय हैं.
कौन दे सकता है डिग्री
यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम 1956 के अनुच्छेद 22 (1) के मुताबिक, केंद्रीय, राज्य, प्रांतीय अधिनियम के तहत स्थापित किए गए विश्वविद्यालय या विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अनुच्छेद 3 के तहत स्थापित मानद विश्वविद्यालय ही छात्रों को डिग्री प्रदान कर सकते हैं. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अनुच्छेद 23 के मुताबिक, उपरोक्त के अलावा अन्य किसी संस्थान द्वारा ’विश्वविद्यालय’ शब्द का प्रयोग पूर्णता गलत और अयोग्य है.
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