Sambhal Shahi Masjid के सामने पुलिस चौकी बनने से भड़के ओवैसी; UP सरकार को लिया आड़े हाथों
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Sambhal Shahi Masjid के सामने पुलिस चौकी बनने से भड़के ओवैसी; UP सरकार को लिया आड़े हाथों

Sambhal Police Chowki: संभल में पुलिस चौकी बनने पर असदुद्दीन ओवैसी ने आलोचना की है. उन्होंने यूपी सरकार पर तंज कसते हुए बड़ी बात बोली है. बता दें, संभल में मस्जिद के सामने पुलिस चौकी बनाई जा रही है.

Sambhal Shahi Masjid के सामने पुलिस चौकी बनने से भड़के ओवैसी; UP सरकार को लिया आड़े हाथों

Sambhal Police Chowki: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार 28 दिसंबर को संभल में जामा मस्जिद के बाहर एक नई पुलिस चौकी बनाने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले की कड़ी आलोचना की है.

क्या बोले असदुद्दीन ओवैसी?

योगी आदित्यनाथ हुकूमत पर तंज करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया कि प्रशासन के पास शराब बार और पुलिस चौकियां बनाने के लिए पैसा है, लेकिन स्कूलों और अस्पतालों की अनदेखी कर रही है. ओवैसी ने आगे आरोप लगाया कि यूपी में सबसे कम सरकारी सुविधाएं मुस्लिम मोहल्लों और इलाकों में मौजूद हैं.

बनवाए जाते हैं शराबखाने

असदुद्दी ओवैसी ने कहा था कि जामा मस्जिद के सामने पुलिस चौकी बनाई जा रही है. मुल्क के किसी भी कोने में चले जाएं, वहां की सरकार न तो स्कूल खुलवाती है और न ही अस्पताल. ओवैसी ने एक ट्वीट में कहा,"संभल की जामा मस्जिद के सामने पुलिस चौकी बनाई जा रही है. मुल्क के किसी भी कोने में चले जाइए, वहां की सरकार ना तो स्कूल खुलवाती है, ना अस्पताल. अगर कुछ बनाया जाता है तो वो है पुलिस चौकी और शराब खाने.

मुसलमानों के इलाकों में सबसे कम सुविधाएं

उन्होंने आगे लिखा,"सरकार के पास किसी और चीज़ के लिए पैसे नहीं होते, बस पुलिस चौकी और शराब खाने के लिए पैसे होते हैं. डेटा खुद ये कहता है कि मुसलमानों के इलाकों में सबसे कम सरकारी सुविधाएँ फ़राहम की जाती हैं."

चौकी का नाम सत्यव्रत नगर नाम क्यों रखा गया?

बता दें, शुक्रवार को यूपी सरकार ने संभल की शाही जामा मस्जिद के सामने "सत्यव्रत पुलिस चौकी" नाम की पुलिस चौकी का ‘भूमिपूजन’ प्रोग्राम किया था. अधिकारियों के मुताबिक, यह नाम हिंदू पौराणिक कथाओं पर आधारित सतयुग के दौरान संभल की "सत्यव्रत नगर" के तौर पर 'प्राचीन पहचान' को दर्शाता है.

संभल दंगा

बता दें, संभल में 24 नवंबर को पुलिस और प्रदर्शन कर रहे लोगों के बीच झड़प हुई थी. विवाद लोकल कोर्ट के 19 नवंबर को दिए आदेश के बाद शुरू हुआ था. जहां हिंदू पक्ष ने मस्जिद के मंदिर होने का दावा किया था और कोर्ट ने बिना मुस्लिम पक्ष को सुने सर्वे के आदेश दे दिए थे. इसी बात से इलाके के लोग गुस्सा थे. 19 नवंबर को टीम सर्वे करने पहुंची थी, लेकिन सर्वे पूरा नहीं हो पाया और 24 नवंबर को एक बार फिर सर्वे टीम वहां पहुंची और दंगा हो गया.

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