Islamabad News: पूर्व पीएम डॉक्टर मनमोहम सिंह के निधन पर दुनिया भर से शोक संदेश आए, लेकिन न तो शहबाज शरीफ और न ही उनके बड़े भाई और तीन बार पीएम रहे नवाज शरीफ ने उनके इंतकाल पर कोई शब्द कहे. विडंबना यह है कि सिर्फ पाकिस्तान के फॉरेन मिनिस्टर इशाक डार ने ही ताजियत पेश की.
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Pakistan News: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ( Manmohan Singh ) के इंतकाल पर शोक व्यक्त न करने के लिए पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ( Shehbaz Sharif ) के फैसले की सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना हुई. पाकिस्तान के पंजाब प्रोविंस के चकवाल जिले के गाह गांव में जन्मे सिंह 2004 से 2014 तक भारत के पीएम रहे. उनका पिछले गुरुवार को नई दिल्ली के AIIMS हॉस्पिटल में 92 साल की उम्र में निधन हो गया.
पूर्व पीएम के निधन पर दुनिया भर से शोक संदेश आए, लेकिन न तो शहबाज शरीफ और न ही उनके बड़े भाई और तीन बार पीएम रहे नवाज शरीफ ने उनके इंतकाल पर कोई शब्द कहे. विडंबना यह है कि सिर्फ पाकिस्तान के फॉरेन मिनिस्टर इशाक डार ने ही ताजियत पेश की.
"वे भारत-पाकिस्तान रिश्तों को बेहतर बनाने की ख्वाहिश रखते थे"
हालांकि, शहबाज शरीफ और पाकिस्तान सरकार के अन्य टॉप अफसरों ने पूर्व अमेरिकी प्रेसिडेंट जिमी कार्टर के इंतकाल पर संवेदना व्यक्त करने में थोड़ा भी वक्त बर्बाद नहीं किया. पाक पीएम के इस रवैये पर विल्सन सेंटर साउथ एशिया इंस्टीट्यूट के डाइरेक्टर माइकल कुगेलमैन ने रविवार को X पर कहा, "न तो शाहबाज और न ही नवाज शरीफ ने मनमोहन सिंह के इंतकाल पर सार्वजनिक रूप से शोक व्यक्त किया है. इशाक डार की तरफ से एक संदेश आया था. फिर भी, यह हैरान करने वाला है. वे समकालीन थे, उनके आर्थिक विचार समान थे और वे भारत-पाकिस्तान संबंधों को बेहतर बनाने की ख्वाहिश रखते थे."
उन्होंने आगे कहा, "मुझे वास्तव में भारत-पाक रिश्तों में अब इतना कुछ दांव पर नहीं लगता, क्योंकि शरीफों को लगता है कि अगर वे मोदी को नाराज करेंगे तो कुछ खो सकते हैं. इसके अलावा मुझे नहीं लगता कि अगर वे सिंह के बारे में कुछ कहते हैं तो मोदी को इससे कोई परेशानी होगी. यह सब थोड़ा अजीब है!"
पाक लेखिका का तंज
वहीं, पाकिस्तानी लेखिका और सैन्य मामलों की एक्सपर्ट आयशा सिद्दिका ने तनजिया लहजे में एक्स पर लिखा, "ऐसा लगता है कि वे - शरीफ ब्रोदर्स मोदी को नाराज नहीं करना चाहते, या शायद पीएमएलएन (पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज) का यह कहना है कि जो चला गया, वह चला गया और बात खत्म हो गई."
"ऐसा पहले कभी नहीं हुआ"
इसके अलावा पाकिस्तानी जर्नलिस्ट अम्मारा अहमद ने कहा, "ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. इसका मतलब है कि पाकिस्तान और भारत के बीच कोई राजनयिक रिश्ते नहीं हैं. हालांकि उन्होंने इस साल फिर से करतारपुर गलियारे पर बातचीत की. मैं कल्पना नहीं कर सकती कि इस फैसले के पीछे क्या वजह थी. मुझे अभी तक कोई प्रेस विज्ञप्ति भी नहीं मिली है. बहुत घटिया और अशिष्ट."