Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मौजूद HDFC बैंक में काम कर रही एक लड़की सदफ फातिमा की कुर्सी से गिर कर मौत हो गई है. उनके साथियों ने बताया कि उनके ऊपर काम का प्रेशर था. अखिलेश यादव ने इस मामले में बयानबाजी की है.
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Lucknow News: हाल ही में अकाउंट कंपनी EY में काम के दबाव की वजह से एक लड़की की मौत हो गई. इसके कुछ ही दिन बाद उत्तर प्रदेश के लखनऊ से खबर आ रही है कि काम की वजह से दबाव में आगर एक लड़की की मौत हो गई है. मामला HDFC बैंक का बताया जा रहा है. यहां सदफ फातिमा नाम की लड़की कुर्सी गिरी और उसकी मौत हो गई है.
सदफ फातिमा की मौत
सदफ फातिमा HDFC बैंक में गोमती नगर के विभूति खंड ब्रांच में एडिशनल डिप्टी वायस प्रेसिडेंट के पद पर काम कर रही थीं. न्यूज 18 ने सदफ के एक साथी के हवाले से लिखा है कि कि सदफ फातिमा की कुर्सी से गिर कर मौत हो गई. उसे फौरन पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन डॉक्टर ने उस मुर्दा करार दे दिया. लड़की की लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.
लखनऊ में काम के दबाव और तनाव के कारण एचडीएफ़सी की एक महिलाकर्मी की ऑफिस में ही, कुर्सी से गिरकर, मृत्यु का समाचार बेहद चिंतनीय है।
ऐसे समाचार देश में वर्तमान अर्थव्यवस्था के दबाव के प्रतीक हैं। इस संदर्भ में सभी कंपनियों और सरकारी विभागों तक को गंभीरता से सोचना होगा। ये देश के… pic.twitter.com/Xj49E01MSs
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 24, 2024
अखिलेश भड़के
इस मामले पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष ने कहा है कि काम दबाव और तनाव हर जगह वैसा ही है, चाहे वह सरकारी नौकरी हो या प्राइवेट नौकरी, लेकिन लोग मजबूरी में काम कर रहे हैं. अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा कि "कर्मचारियों की हालत बंधुआ मजदूरों से ज्यादा खराब हो गई है, क्योंकि उन्हें बोलने तक की आजादी नहीं है. सरकार परेशानियों को सुलझाने के लिए है, न कि गैरजिम्मेदाराना सुझाव देने के लिए."
वित्त मंत्री पर बयानबाजी
SP नेता अखिलेश वित्त मंत्री निरमला सीतारमण के उस बयान को लेकर बयानबाजी कर रहे थे, जिसमें उन्होंने सुझवा दिया था कि नौजवानों को तनाव को मैनेज करने की शिक्षा की जरूरत है. अखिलेश ने लिखा कि "कामकाजी परिस्थितियों में सुधार करने के बजाय, देश के युवाओं को दबाव सहने की शक्ति विकसित करने का उपदेश देने वाली भाजपा की मंत्री, इस दुख के माहौल में युवाओं को और अधिक परेशान कर रही हैं. उनसे गुजारिश है कि अगर उनकी सरकार कोई सांत्वना नहीं दे सकती, कोई सुधार नहीं ला सकती, तो ऐसा न करें, लेकिन इस घटना के मामले में अपनी बेरहम और असंवेदनशील सलाह से जनता का गुस्सा भी न बढ़ाएं."