कर्नाटक में टीपू सुल्तान को खलनायक बनाने का भाजपा का प्लान फेल; अब उठाना होगा बड़ा नुकसान
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कर्नाटक में टीपू सुल्तान को खलनायक बनाने का भाजपा का प्लान फेल; अब उठाना होगा बड़ा नुकसान

Tipu Sultan Karnataka: कर्नाटक चुनाव में लोगों को अपनी तरफ खींचने के लिए भाजपा टीपू सुल्तान को विलेन बनाने के चक्कर में बुरी फंस गई है. अब एक खास समुदाय के वोटों को साधने की कोशिश कर रही भाजपा को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा. 

कर्नाटक में टीपू सुल्तान को खलनायक बनाने का भाजपा का प्लान फेल; अब उठाना होगा बड़ा नुकसान

Karnataka Election, Tipu Sultan: कर्नाटक चुनाव में कुछ ही हफ्ते बाकी रह गए हैं. उससे पहले कांग्रेस और भाजपा दोनों ही वोटर्स को अलग-अलग तरीके से अपने पाले में करने की कोशिश कर रही हैं. यही सब करते-करते भारतीय जनता पार्टी का एक दाव उसी पर उलटा पड़ गया है. दरअसल 18वीं शताब्बी में मैसूर पर हुकूमत करने वाले टीपू सुल्तान को लेकर भारतीय जनता पार्टी बुरी तरह घिर गई है. दरअसल भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि टीपू सुल्तान को अंग्रेजों नहीं बल्कि वोक्कालिगा पुजारी उरी गौड़ा और नानजे गौड़ा ने मारा था. 

भगवा पार्टी भाजपा ने पूरी कोशिश की है कि टीपू सुल्तान का शगूफा छोड़कर वोक्कालिगा समुदाय को अपनी तरफ खींचने की कोशिश की है लेकिन पार्टी की उस कोशिश पर एक छोटी सी गलती से पानी फिर गया. वोक्कालिगा वोटर्स को अपने पाले में करने के बाद कम से कम 20 से 30 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज करने की योजना को झटका लगा है. उच्च शिक्षा मंत्री, आईटी और बीटी सी.एन. अश्वथ नारायण ने एक रैली में टीपू सुल्तान को उरी गौड़ा और नन्जे गौड़ा के ज़रिए जान से मारने की तरह विपक्ष के नेता सिद्धारमैया को भी खत्म करने की बात कह डाली है. 

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वोक्कालिगा समुदाय चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और दक्षिण कर्नाटक के जिलों में इसका दबदबा है. भारतीय जनता पार्टी अभी तक वोक्कालिगा वोट बैंक में सेंध नहीं लगा पाई है. वोक्कालिगा समुदाय पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा की जद (एस) और कांग्रेस के साथ दृढ़ता के साथ खड़ा है. वोक्कालिगा उम्मीदवारों ने जिन 40 से 45 सीटों पर जीत हासिल की, उनमें से बीजेपी आगामी विधानसभा चुनाव में 20 सीटें जीतने की उम्मीद कर रही थी. लेकिन अब भाजपा को अपने इस बड़बोले नेता की वजह से नुकसान उठाना पड़ सकता है. 

भारतीय जनता पार्टी के सूत्रों का भी मानना है कि इस बयान से भाजपा थोड़ी कमजोर पड़ी है. हालांकि बाद में नेता अपने इस बयान पर माफी मांग ली है. जराए ने बताया कि भाजपा इस बार जनता का समर्थन हासिल कर पाने में नाकाम साबित हो रही है. भाजपा सिर्फ टीपू की जयंती मनाने का विरोध कर लोगों का साथ हासिल नहीं कर पा रही है. 

बता दें कांग्रेस पार्टी टीपू सुल्तान का खूब महिमामंडन करती है और उनकी जयंती के मौके पर जश्न भी मनाया जाता है. जिसका भारतीय जनता पार्टी जमकर विरोध करती है. सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली पिछली कांग्रेस सरकार के ज़रिए टीपू की जयंती का जश्न मनाने पर पार्टी ने पूरे राज्य में प्रदर्शन किया था.

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