Himachal Pradesh Politics: हिमाचल प्रदेश की सियासत में हर रोज कुछ नया हो रहा है. अब खबर है कि मंत्री विक्रमादित्य सिंह बाग़ी विधायकों से मुलाकात की है. जिसके कई मतलब निकाले जा रहे हैं.
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Himachal Pradesh Politics: हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने दिल्ली दौरे से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित हरियाणा के पंचकुला में छह बागी कांग्रेस विधायकों से मुलाकात की है. इस मुलाकात के कई मतलब निकाले जा रहे हैं. वहीं हिमाचल प्रदेस के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू गुरुवार को अपनी सरकार के सामने आने वाले संकट को टालते नजर आ रहे हैं.
इस बैठक ने कांग्रेस के भीतर बेचैनी की लहर पैदा कर दी है. आधिकारिक शेड्यूल के मुताबिक केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मिलने के लिए दिल्ली जा सकते हैं. अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि बाग़ी विधायकों के साथ मीटिंग में क्या हुआ है. कांग्रेस के मुख्य संकटमोचक शिवकुमार, जिन्हें संकट को कम करने के लिए पर्यवेक्षक के रूप में हिमाचल प्रदेश भेजा गया था, उन्होंने गुरुवार को कहा कि उन्होंने सभी विधायकों, सुक्खू और राज्य इकाई प्रमुख से बात की और सभी मतभेदों को सुलझा लिया है. उन्होंने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंदर सिंह हुडा समेत 32 विधायकों से मुलाकात की थी.
बता दें, बीती रोज राज्य विधानसभा अध्यक्ष ने शेष छह बागी कांग्रेस विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था, जिनकी क्रॉस-वोटिंग से पार्टी को राज्यसभा की सीट गंवानी पड़ी थी. 68 सदस्यीय सदन में कांग्रेस 35 के साधारण बहुमत के आंकड़े को पार करने में असमर्थ रही थी.
गुरुवार को सुक्खू की ब्रेकफास्ट मीटिंग में विक्रमादित्य सिंह नहीं पहुंचे थे. उन्होंने एक दिन पहले ही सुक्खू पर अपने पिता और छह बार मुख्यमंत्री रहे दिवंगत वीरभद्र सिंह की विरासत का अनादर करने का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया था. हालांकि पर्यवेक्षकों से मुलाकात के बाद विक्रमादित्य सिंह गुरुवार देर रात इस्तीफे से पीछे हटते दिखे थे.
स्पीकर ने छह विधायकों के खिलाफ दलबदल विरोधी कानून के तहत कार्रवाई की और कहा कि उन्होंने वित्त विधेयक पर मतदान के दौरान कांग्रेस के व्हिप का उल्लंघन किया. विद्रोहियों ने इस आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी है. विधानसभा की प्रभावी ताकत अब घटकर 62 रह गई है और बहुमत का आंकड़ा 32 है.