Haldwani Violence: हल्द्वानी हिंसा में 5 लोग मारे गए थे, लेकिन इसके एक दिन बाद छठा शव बरामद हुआ था. लेकिन पुलिस ने इस शव का को लेकर कहा कि इस घटनाक्रम से इस शव का कोई संबंध नहीं है. पुलिस ने इस मामले में एक कांस्टेबल को अरेस्ट किया है.
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Haldwani Violence: उत्तराखंड के हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में एक मदरसे को ध्वस्त किए जाने के बाद पूरे इलाके में आठ फरवरी को हिंसा भड़क उठी थी. इस हिंसा में 5 लोग मारे गए थे, लेकिन इसके एक दिन बाद छठा शव बरामद हुआ था. इस शव को लेकर कहा जा रहा था कि इनको भी हिंसा के दौरान किसी अज्ञात ने इसकी हत्या कर दी होगी. हालांकि, अब शव का को लेकर पुलिस ने कहा कि इस घटनाक्रम से इस शव का कोई संबंध नहीं है. पुलिस ने इस मामले में एक कांस्टेबल को अरेस्ट किया है.
उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि बिहार के भोजपुर जिले के सिंघा गांव के रहने वाले प्रकाश कुमार सिंह उर्फ अविराज की बीरेंद्र नाम के एक कांस्टेबल और उसके साथियों ने गोली मारकर हत्या कर दी. हल्द्वानी पुलिस ने बताया कि बीरेंद्र और उसके साथियों को 15 फरवरी को अरेस्ट किया गया था और उनके पास से हत्या में इस्तेमाल हथियार, एक पिस्तौल और चार कारतूस बरामद भी किए गए थे.
कांस्टेबल की बीवी के साथ था संबंध
बयान में आगे बाताय कि उन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया है और उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया गया है. पीड़िता का कथित तौर पर कांस्टेबल की बीवी के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था. उसने उसका अश्लील वीडियो बना लिया था और उसे ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रहा था.
पुलिस ने कहा कि सिंह का शव 9 फरवरी को हल्द्वानी हिंसा के एक दिन बाद इंद्रा नगर रेलवे क्रॉसिंग से पास आंवला फाटक पर रेलवे ट्रैक के नजदीक से बरामद किया गया था. उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगा कि मौत का संबंध आठ फरवरी को बनभूलपुरा इलाके में हुई गोलीबारी की हादसों से हो सकता है.
SSP ने कहा?
हालांकि, इस मामले में नैनीताल के एसएसपी प्रह्लाद मीना ( Pralahad Meena IPS ) ने संकेत दिया था कि शव हिंसा के सेंटर से 2-3 किमी दूर पाया गया था और यह एक अलग घटना हो सकती है. पुलिस ने कहा कि हल्द्वानी हिंसा में मरने वालों की तादाद फिलहाल 6 है. उन्होंने बताया कि घटना के एक दिन बाद हॉस्पीटल से 5 शव बरामद किए गए और झड़प में गंभीर रूप से जख्मी तीन लोगों में से एक ने कुछ दिनों बाद सुशीला तिवारी हॉस्पीटल में मौत हो गई थी.
मुल्जिम ने इस हत्या को हमेशा के लिए दबाने की कोशिश
मुल्जिम कांस्टेबल ने पुलिस को भ्रम में डालकर मुसलमानों को फंसाने के लिए हलद्वानी हिंसा का वक्त चुना और अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर प्रकाश कुमार सिंह को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया. जानकारी मिली है कि बिहार निवासी की हत्या की साजिश बहुत दिनों से की जा रही थी और वो सही मौके का इंतजार कर रहा था. उन्होंने हलद्वानी हिंसा की आड़ में हत्या की इस घटना को हमेशा के लिए दफन करने की कोशिश की. लेकिन पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए मुल्जिम को काफी वक्त में दबोच लिया.