Haldwani Violence: बनभूलपुरा हिंसा के मुख्य साजिशकर्ता की पत्नी पर पुलिस का शिकंजा; बरेली से किया गिरफ्तार
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Haldwani Violence: बनभूलपुरा हिंसा के मुख्य साजिशकर्ता की पत्नी पर पुलिस का शिकंजा; बरेली से किया गिरफ्तार

Haldwani Violence Update: हल्द्वानी के बनभूलपुरा हिंसा घटना के बाद से अब्‍दुल मलिक की पत्‍नी साफ‍िया मलिक पुलिस के शिकंजे से दूर थी, लेकिन अब बरेली पुलिस ने उसको गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है. साफ‍िया पर धोखाधड़ी और जालसाजी करके जमीन ट्रांसफर करने का इल्जाम है.

Haldwani Violence: बनभूलपुरा हिंसा के मुख्य साजिशकर्ता की पत्नी पर पुलिस का शिकंजा; बरेली से किया गिरफ्तार

Haldwani Violence Mastermind Abdul Malik Wife Arrested: बीती 8 फरवरी को उत्तराखंड के हल्द्वानी में बनभूलपुरा हिंसा के अहम साजिशकर्ता अब्दुल मलिक की पत्नी साफिया मलिक को यूपी के बरेली के एक गांव से गिरफ्तार कर लिया गया है. नैनीताल जिले के सीनियर पुलिस अधीक्षक प्रहलाद नारायण मीणा ने बताया कि, साफिया मलिक को मंगलव को बरेली जिले के बिहारीपुर गांव से गिरफ्तार करने में बड़ी कमायाबी हासिल हुई है. पुलिस ने बताया कि, साफिया मलिक को हल्द्वानी के मलिक का बगीचा क्षेत्र में गैर कानूनी प्लॉटिंग, अवैध निर्माण और सरकारी जमीन पर आपराधिक साजिश के तहत कब्जा करने के लिए एक मुर्दा शख्स के नाम का इस्तेमाल करके गैर कानूनी तौर से जमीन ट्रांसफर करने के इल्जाम में गिरफ्तार किया गया है.

अब तक 80 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी 
साफिया मलिक का शौहर अब्दुल मलिक और बेटा बनभूलपुरा में हिंसा करने के इल्जाम में पहले से ही हिरासत में हैं. सफिया के शौहर और बेटे को क्रमश: 24 फरवरी और 28 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने अब्दुल मलिक और उनके बेटे अब्दुल मोइद के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया था. इलाके में उसकी जायदाद को भी कुर्क कर लिया गया था. तकरीबन दो माह से अब्दुल मलिक की पत्नी साफ‍िया फरार थी. बता दें कि, हल्‍द्वानी हिंसा में अब तक 80 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. 

8 फरवरी को भड़कीं थी हिंसा
बता दें कि, बनभूलपुरा इलाके में मलिक का बगीचा में कथित तौर पर गैर कानूनी तौर से बने एक अवैध मदरसे और मस्जिद को 8 फरवरी को प्रशासन द्वारा ढहाए जाने के दौरान हिंसा का दौर शुरू हुआ था.  इस हिंसा में कुल 6 लोगों की मौत हुई थी जबकि पुलिसकर्मियों और पत्रकारों समेत 100 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए थे. इस हिंसा में मकामी लोगों ने नगर निगम कर्मियों और पुलिस पर पथराव किया और पेट्रोल बम से हमले किये थे. हमले से बचने के लिए कई पुलिस कर्मियों को एक पुलिस स्टेशन में पनाह लेनी पड़ी, जिसे भी भीड़ ने आग के हवाले कर दिया था. 

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