Ghulam Nabi Azad: विपक्षी पार्टियों की तरफ से नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार पर पूर्व दिग्गज कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद भड़क गए हैं. उन्होंने कहा कि अगर मैं दिल्ली में होता तो जरूर प्रोग्राम में शिरकत करता और विपक्ष के बहिष्कार का विरोध करता हूं.
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Ghulam Nabi Azad: 28 मई यानी रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे. हालांकि विपक्षी पार्टियों ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार करने को कहा है साथ ही राष्ट्रपति के ज़रिए भवन का उद्घाटन करने को कहा है. हालांकि इस बीच पूर्व दिग्गज कांग्रेस गुलाम नबी ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि विपक्ष को विरोध करने की बजाए खुश होना चाहिए कि देश को नई संसद मिल रही. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर मैं दिल्ली में होता तो जरूर इस प्रोग्राम में हिस्सा लेता.
गुलाम नबीं आजाद ने न्यूज एजेंसी ANI के साथ बात करते हुए कहा,"अगर मैं दिल्ली में होता तो संसद भवन के उद्घाटन समारोह में जरूर शामिल होता लेकिन कल मेरा एक फंकशन है. इसलिए मैं नहीं जा पा रहा हूं." गुलाम नबी आगे कहते हैं,"आज से 30-35 साल पहले हमने यह सपना देखा था." उन्होंने कहा,"जब वह नरसिम्हा राव जी की सरकार में मैं केंद्रीय संसदीय मंत्री था था उन्होंने नई संसद का ख्वाब देखा था. उस वक्त एक नक्शा भी बनाया गया था कि किस तरह की पार्लियामेंट होनी चाहिए."
विपक्षी पार्टियों के विरोध को लेकर गुलाम नबी आजाद ने कहा,"मुझे समझ नहीं आ रहा है कि आखिर विपक्षी पार्टियों नई संसद बनने पर क्यों चिल्ला रही हैं. बल्कि उन्हें तो खुश होना चाहिए, क्योंकि देश को नई संसद मिल रही है. विपक्ष को खुश होना चाहिए और सरकार की तराफ करनी चाहिए, क्योंकि एक रिकॉर्ड वक्त में यह संसद बनकर तैयार हुई है. मैं विपक्ष के इस बहिष्कार के खिलाफ हूं."
#WATCH | I would surely attend the inauguration ceremony of the new Parliament building if I was in Delhi. The opposition should praise the government to build the new Parliament in record time, whereas they are criticising the govt. I am strictly against the opposition… pic.twitter.com/fo5bayAwcn
— ANI (@ANI) May 27, 2023
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि आजादी के बाद लगातार देश की जनसंख्या बढ़ती जा रही है. ऐसे में नई संसद की जरूरत है क्योंकि प्रतिनिधियों की तादाद भी बढ़ी है. ऐसे में नई संसद तो बननी ही थी. इसी बातचीत के दौरान गुलाम नबी ने विपक्ष के ज़रिए राष्ट्रपति से उद्घाटन कराए जाने की बात कहा कि अगर राष्ट्रपति से इतना ही प्यार था तो उसने उनके खिलाफ अपना उम्मीदवार ही क्यों खड़ा किया था. मैं विपक्ष के इस बेवजह के बहिष्कार के खिलाफ हूं.
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