NCERT Book Tweaks: NCERT की बुक में बाबरी विध्वंस और गुजरात दंगों से जुड़े तथ्य हटाकर जोड़ी गई ये नई जानकारी
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NCERT Book Tweaks: NCERT की बुक में बाबरी विध्वंस और गुजरात दंगों से जुड़े तथ्य हटाकर जोड़ी गई ये नई जानकारी

NCERT Book Changes​: NCERT ने चैप्टर से 8  से भारतीय राजनीति में हालिया घटनाक्रम के, "अयोध्या विध्वंस" का संदर्भ को हटा दिया है. इसके अलावा NCERT ने नई टेक्स्टबुक्स से गुजरात दंगों में मुसलमानों और हिंदुओं की हत्या और मणिपुर राज्य के विलय के संदर्भ में भी बदलाव किए हैं.

NCERT Book Tweaks: NCERT की बुक में बाबरी विध्वंस और गुजरात दंगों से जुड़े तथ्य हटाकर जोड़ी गई ये नई जानकारी

NCERT Book Changes​:  एनसीईआरटी यानी नेशनल एजुकेशनल रिसर्च और ट्रेनिंग काउंसिल ने एक बड़ा फैसला लिया है.  दरअसल, NCERT ने नई टेक्स्टबुक्स से अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विध्वंस, गुजरात दंगों में मुसलमानों और हिंदुओं की हत्या और मणिपुर राज्य के विलय के संदर्भ में बदलाव किए गए हैं.  हालांकि, इसको लेकर एनसीईआरटी ने अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है. अफसरों ने कहा कि बदलाव रेगुलर अपडेटिंग का हिस्सा है, और नए पाठ्यक्रम ढांचे (NCF) के मुताबिक नई किताबों के विकास से जुड़े हुए नहीं हैं. यह बदलाव अन्य क्लास के अलावा कक्षा 11वीं और 12वीं की राजनीति विज्ञान की टेक्स्टबुक्स में भी किए गए हैं.

NCERT की पाठ्यक्रम मसौदा कमेटी द्वारा तैयार किए गए बदलावों का विवरण देने वाले एक दस्तावेज़ के मुताबिक, राम जन्मभूमि आंदोलन के संदर्भों को "राजनीति में लेटेस्ट डेवलेपमेंट के अनुसार" बदल दिया गया है. इसके अलावा 11वीं कक्षा की किताब में धर्मनिरपेक्षता के चैप्टर 8 में पहले कहा गया था, " साल 2002 में गुजरात में गोधरा कांड  के बाद हुए दंगों के दौरान 1,000 से ज्यादा लोगों का नरसंहार किया गया था, जिनमें ज्यादातर मुस्लिम थे." 

अब इसे बदलकर "2002 में गुजरात में गोधरा के बाद हुए दंगों के दौरान 1,000 से ज्यादा लोग मारे गए थे" कर दिया गया है. बदलाव के पीछे NCERT ने  तर्क दिया है, "किसी भी दंगे में सभी समुदायों के लोगों को नुकसान होता है. यह सिर्फ एक समुदाय नहीं हो सकता."

बाबरी मस्जिद को लेकर पाठ्यपुस्तकों में हुए ये बदलाव 
NCERT ने चैप्टर से 8  से भारतीय राजनीति में हालिया घटनाक्रम के, "अयोध्या विध्वंस" का संदर्भ को हटा दिया है. "राजनीतिक लामबंदी की प्रकृति के लिए राम जन्मभूमि आंदोलन और अयोध्या विध्वंस की विरासत क्या है?" को बदलकर  "राम जन्मभूमि आंदोलन की विरासत क्या है?" कर दिया गया है. इसके अलावा उसी चैप्टर में बाबरी मस्जिद और हिंदुत्व की राजनीति के संदर्भ हटा दिए गए.

जिसके पहले पैराग्राफ में लिखा था "चौथा, कई घटनाओं की परिणति दिसंबर 1992 में अयोध्या में विवादित ढांचे (जिसे बाबरी मस्जिद के नाम से जाना जाता है) के विध्वंस के रूप में हुई. इस घटना ने देश की राजनीति में कई बदलावों की शुरुआत की और इस पर बहस तेज हो गई. ये घटनाक्रम भाजपा और 'हिंदुत्व' की राजनीति के उदय से भी जुड़े हुए हैं." इसे अब बदलकर "चौथा, अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर पर सदियों पुराने कानूनी और राजनीतिक विवाद ने भारत की राजनीति को प्रभावित करना शुरू कर दिया जिसने अलग-अलग सियासी बदलावों को जन्म दिया. राम जन्मभूमि मंदिर आंदोलन, केंद्रीय मुद्दा बन गया, जिसने दिशा बदल दी धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र पर चर्चा की परिणति सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ के फैसले (9 नवंबर, 2019 को घोषित) के बाद अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के रूप में हुई." 

वहीं, चैप्टर  5 में "लोकतांत्रिक अधिकार" शीर्षक से एक समाचार कोलाज के कैप्शन में गुजरात दंगों का संदर्भ हटा दिया गया. पिछले एडिशन में था "क्या आपने इस पृष्ठ पर समाचार कोलाज में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) का संदर्भ देखा है? ये संदर्भ मानव अधिकारों के प्रति बढ़ती जागरूकता और मानवीय गरिमा के लिए संघर्ष को दर्शाते हैं. अलग-अलग इलाकों में मानवाधिकार उल्लंघन के कई मामले, उदाहरण के लिए, गुजरात दंगे, पूरे भारत से सार्वजनिक नोटिस में लाए जा रहे हैं. अब इसे बदलकर "विभिन्न क्षेत्रों में मानवाधिकारों के उल्लंघन के कई मामले पूरे भारत से सार्वजनिक नोटिस में लाए जा रहे हैं." कर दिया है.

मणिपुर के विलय संदर्भ में किए गए ये बदलाव 
वहीं, मणिपुर की विलय पर पहले की पाठ्यपुस्तक में कहा गया था, "भारत सरकार मणिपुर की लोकप्रिय निर्वाचित विधान सभा से काउंसलिंग किए बिना, सितंबर 1949 में विलय समझौते पर साइन करने के लिए वहां के महाराजा पर दबाव डालने में सफल रहा. इससे मणिपुर में बहुत गुस्सा और आक्रोश पैदा हुआ, जिसके परिणाम अहसास अभी भी किया जा रहा है." अब NCERT ने इसे बदलकर लिखा है, "भारत सरकार सितंबर 1949 में महाराजा को विलय समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए मनाने में सफल रही." 

उल्लेखनीय है कि NCERT ने पिछले सप्ताह CBSE स्कूलों को सूचित किया था कि क्लास 3 और 6 के लिए नई टेक्स्टबुक्स विकसित की गई हैं, जबकि NCF के मुताबिक अन्य कक्षाओं के लिए पाठ्यपुस्तकों में कोई दलवा नहीं किए जाएंगे.हालाँकि, बदलावों की सीरीज अब उन किताबों में पेश की जाएगी जो अभी बाजार में नहीं आई हैं, जबकि नया सेसन शुरू हो चुका है.

 

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