Kota News: कोटा से अक्सर सुसाइड की खबरें आती रहती है. इस बीच एक अच्छी खबर आई है. स्नेहा दास नाम की लड़की ने डिप्रेशन को मात देकर IIT का एग्जाम क्रैक किया, जिसके बाद उसका IIT रुड़की में दाखिला हुआ. यह स्टोरी सभी को पढ़नी चाहिए.
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Kota News: JEE और NEET की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स की अक्सर सुसाइड की खबरें आती रहती हैं. इसी बीच स्नेहा दास की स्टोरी सुनने को मिल रही है, जिसने कोटा जेईई कोचिंग से तैयारी कर IIT रुड़की मे एडमिशन हासिल कर लिया है, और खास बात यह रही कि उसने डिप्रेशन को मात देकर यह मुकाम हासिल किया है.
स्नेहा दास कोलकता की रहने वाली हैं, जिन्हे छोटी सी उम्र मे फोबिया के वजह से घर से बाहर जाने मे डर लगता था और मोहब्बत मे भी हार मिलने की वजह से वह डिप्रेशन में चली गई थीं. उन्होंने दवाई और काउंसिलिग के साथ पढ़ाई की और जेईई क्रैक कर लिया. स्नेहा के पिता फोटोग्राफर हैं और माँ हाउसवाइफ हैं.
स्नेहा ने कोरोना के समय साल 2021 में 12वीं पास की थी. उनकी आर्थिक स्थिती भी ठीक नही थी, और घर मे पढ़ाई का माहौल भी कुछ खास नही था. आर्थिक स्थिती ठीक नही होने के वजह से उनके पिता के पास इतने पैसे नही थे कि वो उन्हें और उनते भाई-बहन की पढ़ाई का खर्च उठा सके.
11वीं और 12वीं की पढ़ाई नेताजी सुभाष स्कूल से की थी . वहा स्नेहा की एक लड़के से दोस्ती गो गई. स्नेहा बताती हैं कि उससे मिलकर लगा कि वो उसे उन्हें से समझता है. मैं उससे हर बात शेयर करती थी. उसने मुझे समझाया कि क्लास करो और पढ़ाई पर ध्यान दो . कुछ इस तरह से हमारी दोस्ती हुई और मेरे अंदर उसे लेकर फीलिंग आ गईं. इस तरह हम डेढ साल रिश्ते मे रहे. जब उन्होने डिसाइट किया कि नीट की तैयारी के लिए कोटा जाएंगे तो मैने भी जाने को कहा, तो उन्होंने इनकार कर दिया. एक तरह से वो ब्रेकअप ही था. जिसके वजह से वो डिप्रेशन मे चली गई थीं.
डिप्रेशन मे जाने के बाद वो घंटो बेंड पर लेटकर पंखा देखती रहती थीं. उनके माता- पिता के पास फीस भरने के पैसे नही थे. उनकी नानी ने अपने रिटायरमेंट फंड के पैसों से फीस भरी थी. स्नेहा का कहना है कि कोटा के कोचिंग ने उन्हे डिप्रेशन से निकलने मे मदद की थी. कोटा का सफर आसान नही था. कोटा जाने से पहले स्नेहा को बायपोलर डिसॅार्डर डाइग्नोज़ हो चुका था, लेकिन उन्होने हार नही मानी. उन्होने तैयारी कर JEE की परिक्षा क्रैक की
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