नीतीश कुमार ने 45 साल पहले ही कर दी थी अपनी राजनीतिक भविष्यवाणी; सच हो रहा सबकुछ!
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नीतीश कुमार ने 45 साल पहले ही कर दी थी अपनी राजनीतिक भविष्यवाणी; सच हो रहा सबकुछ!

Political prediction of Nitish Kumar comes True: बिहार के एक वरिष्ठ पत्रकार संकर्षण ठाकुर ने नीतीश कुमार की जीवनी ‘द ब्रदर्स बिहारी’ में लिखा है, कि जब नीतीश महज 26 साल के थे, तभी उन्होंने यह भविष्यवाणी कर दी थी कि वह हमेशा सत्ता में बने रहेंगे. 

नीतीश कुमार

नई दिल्लीः नीतीश कुमार लंबे अरसे से बिहार के सत्ता में बने हुए है. बुधवार को उन्होंने बिहार में आठवीं बार मुख्यमंत्री की शपथ ली है. ऐसे में विपक्षी दलों का मानना है कि नीतीश सिर्फ सत्ता से चिपके रहने या सत्ता के भूखे इंसान हैं. लोग कह रहे हैं कि बिहार में सरकार किसी भी पार्टी की हो, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही रहते हैं. ऐसे में आपको ये जानकर हैरानी होगी कि उन्होंने 26 साल की उम्र में ही ये भविष्यवाणी कर दी थी कि वह जैसे-तैसे सत्ता हासिल करेंगे, लेकिन कभी कोई गलत काम नहीं करेंगे और जनता के लिए काम करेंगे. दरअसल, ये दावा एक पत्रकार ने अपनी किताब में नीतीश कुमार के हवाले से किया है. 

1977 में दिया था ये बयान 
एक वरिष्ठ पत्रकार ने अपनी किताब में दावा किया है कि 26 वर्ष की उम्र में ही नीतीश कुमार ने कहा था कि वह येन-केन प्रकारेण सत्ता में रहेंगे, लेकिन इसे हासिल करने के बाद अच्छा काम करेंगे. वरिष्ठ पत्रकार संकर्षण ठाकुर ने नीतीश कुमार की जीवनी ‘द ब्रदर्स बिहारी’ में लिखा है कि वर्ष 1977 में बिहार में कथित भ्रष्टाचार पर चर्चा के दौरान पटना के इंडियन कॉफी हाऊस में मौजूद लोगों के सामने नीतीश कुमार ने यह बात कही थी.’’ 

45 साल बाद सच हो रही है बात 
इस वाक्ये के 45 साल बाद नीतीश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से नाता तोड़कर उसे एक बार फिर विपक्ष की भूमिका में लाकर खड़ा कर दिया है, और राष्ट्रीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन करके बुधवार को आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री ओहदे की शपथ ली. ऐसे में उनके आलोचकों का कहना है कि नीतीश कुमार सालों पहले कही गई अपनी बातों पर आज भी कायम हैं. ठाकुर ने अपनी किताब में लिखा है कि यह उक्ति एक ऐसे नौजवान नेता की थी जो 1977 में हरनौत विधानसभा सीट से जनता पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर जीत हासिल नहीं कर सका था, जबकि इमरजेंसी के बाद की लहर में गैर-कांग्रेसी उम्मीदवार का मतलब आधी लड़ाई जीतना तय माना लिया जाता था.

17 वर्षो से बिहार के मुख्यमंत्री 
नीतीश कुमार के समकालीन नेताओं में भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव भी शामिल हैं. नीतीश कुमार ने 1994 में लालू प्रसाद से अलग होकर जार्ज फर्नाडिस के साथ समता पार्टी का गठन किया था. वह वर्ष 2005 में बिहार के मुख्यमंत्री बने और 10 महीने को छोड़कर (जब जीतन राम मांझी मुख्यमंत्री रहे) अब तक इस ओहदे पर बने हुए हैं. नीतीश कुमार करीब 17 वर्षो से बिहार के मुख्यमंत्री का पद संभाल रहे हैं. इस दौरान उन्हें एक ओर ‘सुशासन बाबू’, ‘मिस्टर क्लीन’ जैसे विशेषणों से खिताब किया गया वहीं दूसरी तरफ कुछ लोगों ने उन्हें ‘पलटू राम’, ‘कुर्सी कुमार’ भी कहना शुरू कर दिया है. 

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