Pakistan News: पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में आम चुनाव की तारीख का ऐलान; भंग की जा चुकी है संसद
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Pakistan News: पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में आम चुनाव की तारीख का ऐलान; भंग की जा चुकी है संसद

Pakistan News: पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट की शहबाज शरीफ के रहनुमाई वाली गठबंधन सरकार के जरिए 9 अगस्त को संसद को भंग कर दिया गया था. पाकिस्तानी संविधान के मुताबिक, संसद भंग होन के बाद 90 दिनों के भीतर चुनाव कराना ज़रूरी है. 

Pakistan News: पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में आम चुनाव की तारीख का ऐलान; भंग की जा चुकी है संसद

Pakistan News: पाकिस्तान चुनाव आयोग (ECP) ने राजनीतिक दलों और राष्ट्रपति को यकीन दिलाया है कि वह फरवरी 2024 तक मुल्क में आम चुनाव कराएगा. पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट की शहबाज शरीफ के रहनुमाई वाली गठबंधन सरकार के जरिए 9 अगस्त को संसद को भंग कर दिया गया था. इसके बाद अनवारुल हक काकर ने अंतरिम सरकार के तौर पर ओहदा  संभाला है. पाकिस्तानी संविधान के मुताबिक, संसद भंग होन के बाद 90 दिनों के भीतर चुनाव कराना ज़रूरी है. 

हालांकि, चुनावी अमल को देखने के लिए पाकिस्तान चुनाव आयोग ने कहा, "देश में चुनाव फरवरी 2024 से पहले मुमकिन नहीं हो सकता है. नए चुनाव नए डिजिटल के तहत परिसीमन के प्रोसेस पूरी होने के बाद कराया जाएगा. ECP ने परिसीमन प्रक्रिया के लिए एक कार्यक्रम कर रहा है, जो 14 दिसंबर तक पूरा हो जाएगा." चुनाव आयोग का कहना है कि आम चुनावों की तैयारी और चुनाव कराने के लिए उसे कम से कम दो से तीन महीने और चाहिए.

शहबाज़ शरीफ के अगुवाई वाली सरकार ने राष्ट्रपति कार्यालय की सहमति के बिना चुनाव कराने के लिए सारी शक्तियां चुनाव आयोग को दे दी. इसके बाद चुनाव आयोग प्रमुख ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी से मिलने से इनकार कर दिया था. उन्होंने कहा कि उन्हें मिलने के रिवाज का पालन करने की ज़रुरत नहीं है, क्योंकि वह चुनाव पर राष्ट्रपति से बातचीत करने के लिए बाध्य नहीं हैं.

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और अवामी नेशनल पार्टी जैसे राजनीतिक दल चुनाव आयोग से संविधान में दर्ज नियमों के तहत चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ''हमारी मांग है कि चुनाव वक़्त पर हों. जब हम सरकार में थे और काउंसिल ऑफ कॉमन इंटरेस्ट में परामर्श बैठक का हिस्सा थे तो हमें भरोसा दिया गया था कि चुनाव 90 दिनों की तय शुदा सीमा के अन्दर होंगे. अब ईसीपी का कहना है कि इसमें ज्यादा वक़्त लगेगा, जो असंवैधानिक है और हम इससे सहमत नहीं हैं."

Zee Salaam

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