किसी ने उठाए सवाल, तो किसी ने बताई हत्या; जानें मुख्तार अंसारी की मौत पर क्या बोले विपक्षी नेता
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किसी ने उठाए सवाल, तो किसी ने बताई हत्या; जानें मुख्तार अंसारी की मौत पर क्या बोले विपक्षी नेता

Opposition on Mukhtar Ansari: पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की 28 मार्च की देर रात हार्ट अटैक से मौत हो गई. पूर्व विधायक और बाहूबली की मौत खबर सामने आने के बाद विपक्षी नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है. 

किसी ने उठाए सवाल, तो किसी ने बताई हत्या; जानें मुख्तार अंसारी की मौत पर क्या बोले विपक्षी नेता

Opposition on Mukhtar Ansari: यूपी के मऊ विधानसभा से पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की 28 मार्च की देर रात हार्ट अटैक से मौत हो गई. पूर्व विधायक और बाहूबली की मौत खबर सामने आने के बाद विपक्षी नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है. कई लीडर्स ने उनकी मौत पर सवाल उठाते हुए जांच की मांग की है, तो कई नेता मुख्तार अंसारी के जरिए कही गई बातों को याद दिला रहे हैं कि पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी ने प्रशासन पर इल्जाम लगाया था कि उन्हें धीमा जहर दिया जा रहा है.

सरकार ने नहीं दिया तवज्जोह
AIMIM चीफ और हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने प्रशासन के रवैये की निंदा की है और अफसोसजनक बताते हुए सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, "इन्ना लिल्लाही वा इन्ना इलैही राजिऊन. अल्लाह से दुआ है के वो मुख़्तार अंसारी को मग़फ़िरत फ़रमाए, उनके ख़ानदान और उनके चाहने वालों को सब्र-ए-जमील अदा करें."

उन्होंने आगे लिखा, "ग़ाज़ीपुर की अवाम ने अपने चहीते बेटे और भाई को को खो दिया. मुख़्तार साहब ने प्रशासन पर गंभीर इल्जाम लगाया था कि उन्हें ज़हर दिया गया था. बावजूद इसके, सरकार ने उनके इलाज पर तवज्जोह नहीं दिया."

मायावती ने की जांच की मांग
वहीं, उत्तर प्रदेश की पूर्व सीएम और BSP चीफ मायावती ने कहा, "मुख़्तार अंसारी की जेल में हुई मौत को लेकर उनके परिवार के जरिए जो लगातार आशंकायें और गंभीर इल्जाम लगाए गए हैं उनकी उच्च-स्तरीय जाँच जरूरी, ताकि उनकी मौत के सही तथ्य सामने आ सकें. ऐसे में उनके परिवार का दुःखी होना स्वाभाविक. कुदरत उन्हें इस दुःख को सहन करने की शक्ति दे."

अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर उठाया सवाल
इसके अलावा सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाया है. उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, "हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है. सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मौत होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा. 

1. थाने में बंद रहने के दौरान 
2. जेल के अंदर आपसी झगड़े में 
3. जेल के अंदर बीमार होने पर
4. न्यायालय ले जाते समय
5. अस्पताल ले जाते समय
6. अस्पताल में इलाज के दौरान
7. झूठी मुठभेड़ दिखाकर
8. झूठी आत्महत्या दिखाकर
9. किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर

प्रशासन पर लगाया बड़ा इल्जाम
उन्होंने आगे लिखा, 'ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए. सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर, जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं. जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाए उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं है. उत्तर प्रदेश ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है. ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है."

 बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री ने क्या कहा?
इसी क्रम में बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और विधानसभा के प्रतिपक्ष नेता तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, "उत्तर प्रदेश से पूर्व विधायक  मुख्तार अंसारी के इंतकाल का दुःखद समाचार मिला. परवरदिगार से दुआ है कि दिवंगत आत्मा को शांति और शोकाकुल परिजनों को दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें. कुछ दिन पहले उन्होंने शिकायत की थी कि उन्हें जेल में जहर दिया गया है फिर भी गंभीरता से नहीं लिया गया. पहली नजर में ये न्यायोचित और मानवीय नहीं लगता. संवैधानिक संस्थाओं को ऐसे विचित्र मामलों व घटनाओं पर स्वत: संज्ञान लेना चाहिए."

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