Owaisi attack on AAP: आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में सुंदरकांड का पाठ कराने का एलान किया. जिसके बाद लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने 'आप' पर बड़ा हमला किया है. पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे स्क्रॉल करें.
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Owaisi attack on AAP: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) चीफ और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने दिल्ली में ‘सुंदरकांड’ का पाठ कराने को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) की आलोचना की है. उन्होंने मंगलवार यानी 16 जनवरी को सवाल किया कि सीएम अरविंद केजरीवाल अपनी विरोधी बीजेपी से कैसे अलग है? बीजेपी अयोध्या में बन रहे राममंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर ध्यान केंद्रित कर रही है और माना जा रहा है कि 'आम आदमी पार्टी’ ने इसका मुकाबला करने के लिए पूरी दिल्ली में आज यानी 16 अक्टूबर को ‘सुंदरकांड’ का पाठ कराने का ऐलान किया है.
आम आदमी पर बोला हमला
रामायण में ‘सुंदरकांड’ एक अध्याय है, जो भगवान हनुमान को समर्पित है. हैदराबाद से लोकसभा सांसद ओवैसी ने पत्रकारों से कहा, "आम आदमी पार्टी, बीजपी से अलग कैसे हैं? आप में और BJP और RSS में कोई फर्क नहीं है. अब आप, बीजेपी और आरएसएस के एजेंडे का नकल कर रहे हैं.’’
#WATCH हैदराबाद, तेलंगाना: अपने 'RSS का छोटा रिचार्ज' ट्वीट पर AIMIM प्रमुख और सांसद असदुद्दीन औवेसी ने कहा, "दिल्ली के मुख्यमंत्री और उनकी सरकार ने यह तय किया है कि हम मंगलवार को वे सुंदरकांड पाठ और हनुमान चालीसा पढ़वाएंगे। मैंने ये ट्वीट किया कि आप भाजपा से कैसे अलग हैं?… pic.twitter.com/167qSRWjRN
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 16, 2024
उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लोग कह रहे हैं कि वे सरयू नदी (अयोध्या) में नहीं जाएंगे, अब दिल्ली में कह रहे हैं कि वे ‘सुंदरकांड’ और ‘हनुमान चालीसा’ का पाठ कराएंगे. उनमें और BJP-RSS में कोई फर्क नहीं है. अब वे उनकी विचारधारा का नकल कर रहे हैं.’’ AIMIM चीफ ने जानना चाहा कि वे कैसे पीएम नरेन्द्र मोदी को हराएंगे? ओवैसी ने कहा, ‘‘ यह उनका (आप का) पाखंड’ है.’’
AIMIM चीफ ने किया ये दावा
उन्होंने कहा, "जिनके धर्मनिरपेक्ष विचार हैं, जिनमें ‘हिंदू भाई, दलित, दूसरा पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और खासतौर पर मुस्लिम शामिल हैं, उन्हें इस पर गौर करना चाहिए." वहीं, AIMIM चीफ ने दावा किया कि यह लड़ाई बहुसंख्यक वर्ग के मतों को हासिल करने की है. उन्होंने इसे ‘प्रतिस्पर्धी हिंदुत्व’ करार दिया. उन्होंने सवाल किया कि अगर ‘प्रतिस्पर्धी हिंदुत्व’ की ऐसी राजनीति चलती रहेगी तो BJP-RSS की विचारधारा को कैसे रोका जाएगा.