UP News: यूपी सरकार के निर्देश पर राज्य के अवैध मदरसों की जांच कर रही एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है. जिसमें तकरीबन 13 हजार अवैध मदरसों को बंद कराने की सिफारिश की गई है. इस खुलासे के बाद से अवैध मदरसा संचालकों में अफरा-तफरी का माहौल नजर आ रहा है.
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UP Madarsa News: यूपी सरकार के निर्देश पर राज्य के अवैध मदरसों की जांच कर रही एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है. जिसमें तकरीबन 13 हजार अवैध मदरसों को बंद कराने की सिफारिश की गई है. इस खुलासे के बाद से अवैध मदरसा संचालकों में अफरा-तफरी का माहौल नजर आ रहा है. जानकारी के अनुसार, एसआईटी जांच में जिन मदरसों को अवैध पाया गया है, उनमें से अधिकतर नेपाल बॉर्डर पर स्थित हैं. जराए के मुताबिक, एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में कई और चौंकाने वाले खुलासे भी किए हैं. जिन 13 हजार मदरसों को बंद करने की सिफारिश की गई है, उनमें से अधिकतर नेपाल की सीमा से सटे महराजगंज, श्रावस्ती, बहराइच समेत 7 जिलों में हैं. हर एक सीमावर्ती जिले में ऐसे मदरसों की तादाद 500-500 से ज्यादा है.
एसआईटी ने इन मदरसों से उनकी आमदनी और खर्च की डिटेल मांगीं, तो वे उपलब्ध नहीं करा सके. इससे आशंका जताई जा रही है कि सोची-समझी साजिश के तहत टेरर फंडिंग के लिए जुटाई गई रकम को हवाला के जरिये मदरसों के निर्माण के लिए भेजा गया. अधिकतर मदरसों ने अपने जवाब में चंदे की रकम से निर्माण कराने का दावा किया है, हालांकि वह चंदा देने वालों का नाम नहीं बता सके. जांच में कुल 23 हजार मदरसों में से 5 हजार के पास अस्थायी मान्यता का पता चला. कुछ तो बीते 25 वर्षों में मान्यता के पैमानों पर खरे नहीं उतरे हैं.
बीते दिनों, एसआईटी की जांच में सीमावर्ती इलाकों के 80 मदरसों को विदेश से तकरीबन 100 करोड़ की फंडिंग होने की तस्दीक हुई थी. राज्य सरकार ने इसे संजीदगी से लेते हुए सारे मदरसों की गहनता से जांच करने का एसआईटी को आदेश दिया था. इस मामले में भारत-नेपाल बार्डर के जिले बहराइच के मदरसा संचालकों ने अपना रद्दे अमल जाहिर करते हुए सरकार की कार्रवाई का समर्थन किया. मदरसा संचालकों का कहना है कि, मदरसों से ऐसी कोई शिक्षा नहीं दी जाती है जिससे आतंकी गतिविधियों में लोग लिप्त हों. समाज की भलाई को ध्यान में रखते हुए मदरसों में तालीम दी जाती है.
मस्जिद में विदेशी चंदे के सवाल पर मदरसा संचालक ने बताया कि यह लोगों द्वारा दिए गए चंदे से संचालित किए जाते है. वहीं, मदरसे में पढ़ रहे बच्चों ने भी योगी सरकार के आने के बाद मदरसे में हो रहे अभूतपूर्व परिवर्तन साथ ही एक हाथ में कुरान और एक हांथ में कंप्यूटर की अवधारणा को साकार रूप दिया जा रहा है.वहीं, उत्तर प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन शाहनवाज़ आलम ने कहा कि, ऐसा लगता है कि सीएम योगी यूपी में मदरसों के भरोसे ही चुनाव लड़ना चाहते हैं. मदरसों की इमेज खराब करने की कोशिश की जा रही है.