Bareilly News: इकट्ठा होकर नमाज पढ़ने से क्या होती है शांति भंग? चार लोग गिरफ्तार
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Bareilly News: इकट्ठा होकर नमाज पढ़ने से क्या होती है शांति भंग? चार लोग गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के जाम सामंत गांव में चार लोगों को मस्जिद बनाकर नमाज पढ़ने पर गिरफ्तार किया गया है. इन लोगों पर आरोप है कि इन्होंने इस मस्जिद को एक प्राइवेट प्रोपर्टी पर बनाया था और अधिकारियों से बिना इजाजत लिए इकट्ठा होकर नमाज अदा की थी.

Bareilly News: इकट्ठा होकर नमाज पढ़ने से क्या होती है शांति भंग? चार लोग गिरफ्तार

Bareilly News: उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के जाम सामंत गांव में चार लोगों को मस्जिद बनाकर नमाज पढ़ने पर गिरफ्तार किया गया है. इन लोगों पर आरोप है कि इन्होंने इस मस्जिद को एक प्राइवेट प्रोपर्टी पर बनाया था और अधिकारियों से बिना इजाजत लिए इकट्ठा होकर नमाज अदा की थी. हालांकि स्थानीय लोगों का कहना है कि इन्होंने केवल इकट्ठा होकर नमाज अदा की और यह कोई मस्जिद नहीं है. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.

कुल सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज

इस मामले में सात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. जिसमें गांव का प्रधान मोहम्मद आरिफ समेत तीन अन्य लोग फरार हैं. पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है. यह पूरा मामला एक हिंदू संगठन के जरिए सोशल मीडिया पर शेयर किए गए एक वीडियो के बाद सामने आया.

पुलिस ने की मामले की जांच

जांच के बाद पुलिस ने आरोपों की पुष्टि की और आरिफ और अन्य स्थानीय निवासियों सहित सात लोगों के खिलाफ बहेरी पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की. भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 223 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

शांति भंग करने का आरोप

बहेरी पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर संजय तोमर ने कहा, "हमने गांव के प्रधान के भाई मोहम्मद शाहिद सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है और उनके खिलाफ शांति भंग करने का मामला दर्ज किया है."

किसकी है जमीन?

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक जिस जगह पर लोग नमाज पढ़ रहे थे, वह गांव के प्रधान के परिवार की है. एसएचओ तोमर ने कहा कि पुलिस कार्रवाई के बाद उन्होंने उस जगह को बंद कर दिया है. जाम सामंत गांव की आबादी मुख्य रूप से मुस्लिम समुदाय से है.

वीडियो अपलोड करने वाले हिंदू जागरण मंच की युवा शाखा के बरेली जिला अध्यक्ष हिमांशु पटेल ने बताया कि उनके एक सहयोगी ने हाल ही में यह फुटेज रिकॉर्ड किया है. वीडियो में कथित तौर पर लोगों के एक समूह को नमाज अदा करते हुए और उस स्थान को अस्थायी मस्जिद के रूप में इस्तेमाल करते हुए दिखाया गया है.

पटेल ने कहा, "गांव में न तो मस्जिद है और न ही मंदिर. निवासियों को प्रार्थना करने के लिए पास के गांव में जाना पड़ता है." "मैंने सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड किया और पुलिस और जिला प्रशासन दोनों को मामले की जानकारी दी."

मस्जिद नहीं है यह

रिपोर्ट के मुताबिक मामले में शिकायतकर्ता सब इंस्पेक्टर अहमद अली ने कहा कि वीडियो देखने के बाद उन्होंने जांच करने के लिए जाम सावंत गांव का दौरा किया. उन्होंने पाया कि मुस्लिम समुदाय के लोगों का एक ग्रुप टिन शेड से ढकी एक दीवार वाले क्षेत्र में इकट्ठा हुआ था, जहां उन्होंने बिना किसी पूर्व अनुमति के नमाज़ अदा की. उन्होंने साफ किया कि यह मस्जिद नहीं है."

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