Gaza News: गाजा में महिलाओं की हालात बेहद बदतर है. पीरियड्स, प्रेग्नेंसी और तरह-तरह की हेल्थ से जुड़ी समस्याएं से औरतें परेशान हैं. आइये जातने हैं पूरी डिटेल
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Gaza News: गाजा में इजराइली बमबारी से अगर कोई सबसे ज्यादा मुतास्सिर हुआ है वह बच्चे और औरते हैं. 45 हजार से ज्यादा मौतों में अधिकतर औरतें और बच्चे शामिल हैं. जो बचे हैं वह तरह-तरह की समस्याएं झेल रहे हैं. बच्चों में सेपसिस और हाइपोथर्मिया की दिक्कत पेश आ रही है. वहीं, औरतें अलग-अलग स्वास्थय समस्याओं से जूझ रही हैं. जिन कैंप्स में औरतें रह रही हैं वहां जिंदगी जहन्नुम में कम नहीं है.य
कैंप्स के सामने पेशाब और मल खुले में बह रहा है. बीमारियों के खतरे के बीच रह रहीं इन औरतों के पास पीरिड्स के दिनों से निपटने के लिए जरूरी सामान भी नहीं हैं. कपड़े कहां बदलें, कहां नहाएं और कहां शौच करें इसके लिए तक जगाह नहीं हैं.
कैंप्स में लोगों की भीड़ के बीच औरतों को इज्जत के साथ जीने के वास्ते रोजाना जद्दोजहद करना पड़ रहा है. महिलाओं को तंबुओं में अपने बड़े परिवार के मेंबर्स (पुरुषों सहित) के साथ रहना पड़ रहा है और कुछ ही कदमों की दूरी पर बने तंबुओं में अजनबी रहते हैं. ऐसे में उन्हें अपनी पोशाक और कपड़ों को लेकर हमेशा सजग रहना पड़ता है.
पीरिड्स, से जुड़े प्रोडक्ट्स जैसे पैड्स और दर्द की दवाईं मौजूद नहीं होने की वजहसे वे चादरें या पुराने कपड़ों को महिलाएं इस्तेमाल कर रही है. इसके अलावा रेत में केवल एक गड्ढा खोदकर, उसके चारों ओर चादरें लटका कर कामचलाऊ टॉयलेट्स बनाए जा रहे हैं.
अला हमामी नाम की औरत ने अपनी आपबीती बताई. वह हमेश अपना काला दुपट्टा ओढ़े रखती हैं जिसे पहनकर वह नमाज पढ़ती हैं. हमामी का नमाज का यह दुपट्टा भी फटा हुआ है. वह आम तौर पर केवल रोजाना नमाज अदा करते समय ही इसे ओढ़ा करती थीं, लेकिन इतने सारे मर्दों के आस-पास होने की वजह से वह रात को सोते वक्त भी पहने रखती हैं.
गाजा में 14 महीने से जारी इजराइली हमलों ने 23 लाख फलस्तीनियों में से 90 फीसद से ज्यादा को बेघर कर दिया है. उनमें से लाखों लोग अब बड़े-बड़े इलाकों में एक-दूसरे से सटे तंबुओं के गंदे कैंप्स में रह रहे हैं. परिवार अक्सर कई हफ्तों तक एक ही कपड़े पहनने को मजबूर हैं, क्योंकि विस्थापन के दौरान वे कपड़े और कुछ अन्य आवश्यक सामान साथ नहीं ला पाए.
महिलाएं लगातार असुरक्षित महसूस करती हैं. गाजा का समाज हमेशा से कंजेर्वेटिव रहा है. अधिकतर महिलाएं उन मर्दों की मौजूदगी में हिजाब पहनती हैं जो उनके फैमिली के मेंबर नहीं होते. महिलाओं के हेल्थ से जुड़े मामले, जैसे प्रेग्नेंसी, पीरियड्स और कंट्रासेप्टिव पर आम तौर पर खुली तरह से डिसकस नहीं होते हैं.
यूएन का कहना है कि गाजा में 6,90,000 से ज्यादा औरतों और लड़कियों को पीरियड्स हाइजीन से जुड़े प्रोडक्ट्स के साथ-साथ साफ पानी और टॉयलेट की भी जरूरत है. कैंप में रह रहीं तीन बच्चों की मां डोआ हेलिस ने बताया कि उन्होंने पीरियड्स के दौरान पैड बनाने के लिए अपने पुराने कपड़े फाड़ कर इस्तेमाल किए हैं. उन्होंने कहा, "जहां भी हमें कपड़ा मिलता है, हम उसे फाड़कर इस्तेमाल कर लेते हैं." उन्होंने कहा, "पैड के एक पैकेट की कीमत 45 शेकेल (12 अमेरिकी डॉलर) है और पूरे तंबू में पांच शेकेल भी नहीं हैं."
गाजा में सक्रिय अधिकार समूह अनेरा का कहना है कि कुछ औरतें अपने पीरियड्स रोकने के लिए गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल करती हैं. बार-बार विस्थापन के तनाव की वजह से उनका पीरियड्स साइकिल गड़बड़ा गई है. गाजा में महिला मामलों के केंद्र की निदेशक अमल सेयम ने कहा कि ये भयावह कंडीशन महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए वास्तविक खतरा पैदा करती हैं.