Mahakumbh: इस वर्ष महाकुंभ में 40 करोड़ तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद है, जिनमें से पांच करोड़ तीर्थयात्रियों के अकेले मौनी अमावस्या (29 जनवरी) को आने का अनुमान है.
Trending Photos
Mahakumbh 2025: दुनिया का सबसे बड़ा समागम माना जाने वाला 45 दिवसीय महाकुंभ मेला 2025, पौष पूर्णिमा के अवसर पर सोमवार को शुरू हो गया, जिसमें श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी और संगम में पवित्र डुबकी लगाई. भारत और दुनिया भर से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच करीब 1.5 करोड़ श्रद्धालुओं के गंगा, यमुना और रहस्यमयी सरस्वती के पवित्र संगम पर पवित्र डुबकी लगाने की उम्मीद है.
भक्तों का मानना है कि महाकुंभ के दौरान संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाने से आध्यात्मिक शुद्धि और आशीर्वाद मिलता है. इस साल, यह अवसर एक दुर्लभ खगोलीय संयोग से और भी खास हो गया है जो 144 वर्षों में केवल एक बार होता है, जिससे यह एक अत्यंत शुभ घटना बन जाती है.
वीडियो यहां देखें
#WATCH | Prayagraj | Devotees take holy dip in Triveni Sangam - a scared confluence of rivers Ganga, Yamuna and 'mystical' Saraswati as today, January 13 - Paush Purnima marks the beginning of the 45-day-long #MahaKumbh2025 pic.twitter.com/Efe6zetUc4
— ANI (@ANI) January 13, 2025
इस साल महाकुंभ में 45 करोड़ से ज़्यादा लोगों के शामिल होने की उम्मीद है, जो इसे इतिहास में सबसे बड़े आयोजनों में से एक बना देगा. सनातन धर्म के प्रतिनिधि माने जाने वाले सभी 13 अखाड़ों ने 40 दिवसीय उत्सव की शुरुआत से पहले अपने-अपने निर्धारित क्षेत्रों में अपने शिविर स्थापित कर लिए हैं.
संगम पर सुरक्षा व्यवस्था
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एनडीआरएफ की टीमों और उत्तर प्रदेश पुलिस की जल पुलिस को रणनीतिक रूप से तैनात किया गया है.
#WATCH | Prayagraj | NDRF teams and water police of Uttar Pradesh Police deployed at places to ensure the safety and security of devotees as #MahaKumbh2025 begins with the 'Shahi Snan' on the auspicious occasion of Paush Purnima, today pic.twitter.com/VMJ3yXw9oI
— ANI (@ANI) January 12, 2025
श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मेला क्षेत्र में आरएएफ, पुलिस और सीआरपीएफ की टीमें भी तैनात हैं. दुनिया में इंसानों का सबसे बड़ा जमावड़ा माने जाने वाले महाकुंभ में लोगों का सैलाब उमड़ रहा है, ऐसे में ये बल व्यवस्था बनाए रखने और श्रद्धालुओं को आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए काम कर रहे हैं.