पाकिस्तान बेच रहा है अपनी सरकारी संपत्ति, जानें क्यों हो सकता है दिवालिया

इस्लामाबाद: नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के संघीय मंत्रिमंडल ने उस अध्यादेश को मंजूदी दे दी है, जिसमें सभी निर्धारित प्रक्रिया और नियामक जांच से परे जाकर सरकारी संपत्ति को दूसरे देशों को बेचने का प्रावधान किया गया है. मीडिया में शनिवार को आई खबरों में यह जानकारी दी गई. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 24, 2022, 09:24 AM IST
  • दिवालिया से बचने के लिये सरकार ने लिया फैसला
  • सरकारी संपत्ति बेच चुकायेगी यूएई का कर्ज
पाकिस्तान बेच रहा है अपनी सरकारी संपत्ति, जानें क्यों हो सकता है दिवालिया

इस्लामाबाद: विदेशी कर्जे से डूबे पाकिस्तान पर दिवालिया होने का खतरा मंडरा रहा है. पाकिस्तान की नव निर्वाचित सरकार ने इस खतरे से बचने के लिये और नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को इस समस्या से उबारने के लिये बड़ा फैसला किया है. पाकिस्तान के संघीय मंत्रिमंडल ने उस अध्यादेश को मंजूदी दे दी है, जिसमें सरकारी संपत्ति बेचने के सभी निर्धारित प्रक्रिया और नियामक जांच को परवाह किये बिना उसे दूसरे देशों को बेचा जा सकता है. मीडिया में शनिवार को आई खबरों में यह जानकारी दी गई. 

दिवालिया से बचने के लिये सरकार ने लिया फैसला

खबर के मुताबिक सरकार ने यह फैसला देश के दिवालिया होने के खतरे को टालने के लिए लिया है.  द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार के मुताबिक, अंतर सरकारी वाणिज्यिक हस्तांतरण अध्यादेश-2022 को संघीय मंत्रिमंडल ने बृहस्पतिवार को मंजूरी दी. खबर के मुताबिक अध्यादेश में प्रावधान किया गया है कि सरकार द्वारा संपत्ति या हिस्सेदारी दूसरे देशों को बेचने के खिलाफ दायर याचिका पर अदालत सुनवाई नहीं करेगी. 

सरकारी संपत्ति बेच चुकायेगी यूएई का कर्ज

यह फैसला तेल और गैस कंपनियों में हिस्सेदारी और सरकारी बिजली कंपनी को संयुक्त अरब अमीरात को 2 से 2.5 अरब डॉलर में बेचने के लिए लिया गया है ताकि दिवालिया होने के खतरे को टाला जा सके. अखबार ने कहा कि राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने अबतक इस अध्यादेश पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं. खबर के मुताबिक, संयुक्त अरब अमीरात ने मई महीने में पाकिस्तान के बैंकों में नकदी जमा करने से इनकार कर दिया था क्योंकि वह पहले के कर्जे की अदायगी नहीं कर सका है.

गौरतलब  है कि श्रीलंका में जारी आर्थिक संकट भी कुछ इसी तरह की नीतियों का ही असर है जिसके चलते वहां पर सरकार और जनता के बीच संघर्ष देखने को मिला है और फिलहाल श्रीलंका में आपातकाल जारी है.

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