ट्रंप ने नई दिल्ली से की और हथियार खरीदने की अपील? वॉशिंगटन से कौन से रक्षा उपकरण खरीदता है भारत

डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से और ज्यादा अमेरिकी रक्षा उपकरण खरीदने की अपील की है. उनके इस बयान से संकेत मिलता है कि भारत और अमेरिका के बीच पहले से हो रहे रक्षा सौदे वॉशिंगटन की अपेक्षाओं को पूरी तरह संतुष्ट नहीं कर पा रहे हैं. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 28, 2025, 08:21 PM IST
  • भारत ने खरीदे हैं कई तरह के विमान
  • रक्षा सौदे बढ़ाना चाहता है अमेरिका?
ट्रंप ने नई दिल्ली से की और हथियार खरीदने की अपील? वॉशिंगटन से कौन से रक्षा उपकरण खरीदता है भारत

नई दिल्लीः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से और ज्यादा रक्षा उपकरण खरीदने की अपील की है. उनके इस बयान से संकेत मिलता है कि भारत और अमेरिका के बीच पहले से हो रहे रक्षा सौदे वॉशिंगटन की अपेक्षाओं को पूरी तरह संतुष्ट नहीं कर पा रहे हैं. इन सौदों में अक्टूबर 2024 में फाइनल हुई 31 MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन की 32,350 करोड़ रुपये की डील भी शामिल है.

बता दें कि बीते डेढ़ दशक में नई दिल्ली ने अमेरिका को अपने प्रमुख रक्षा आपूर्तिकर्ता के रूप में देखा है. साल 2007 से अब तक अमेरिका ने भारत को 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक के रक्षा उपकरण बेचे हैं. ये दोनों देशों के बीच मजबूत होते रणनीतिक संबंधों को दिखाता है. खासकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने के लिए इस साझेदारी को अहम माना गया है.

भारत ने खरीदे हैं कई तरह के विमान

भारत की ओर से खरीदे गए प्रमुख अमेरिकी हथियारों की बात करें तो इनमें C-17 Globemaster III और C-130J Super Hercules ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, एंटी-सबमरीन वॉरफेयर के लिए समुद्री निगरानी विमान P-8I Poseidon, AH-64 Apache और CH-47 Chinook हेलीकॉप्टर, पर्वतीय इलाकों में युद्ध के लिए M777 अल्ट्रा-लाइट होवित्जर शामिल हैं.

वहीं पिछले साल भारत ने अमेरिका के साथ MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन खरीदने का रक्षा सौदा किया. ये ड्रोन सटीक हमलों और लंबी दूरी की निगरानी में सक्षम हैं और भारत की सीमा सुरक्षा और इंडियन ओशन रीजन (IOR) में ऑपरेशनल क्षमता को बढ़ाने में मदद करेंगे.

रक्षा सौदे बढ़ाना चाहता है अमेरिका?

डोनाल्ड ट्रंप के बयान से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि अमेरिका भारत को केवल एक ग्राहक नहीं बल्कि अपने रक्षा उद्योग के विस्तार के बड़े बाजार के रूप में देखता है. अमेरिकी रक्षा कंपनियां भारत के तेजी से बढ़ते रक्षा बजट को एक मौके के तौर पर देख रही हैं.

रूस, फ्रांस से भी उपकरण खरीदता है भारत

वहीं भारत के नजरिए से देखें तो वह अपनी डिफेंस पार्टनरशिप को विविधता देने की रणनीति पर काम कर रहा है. वह रूस, इजरायल और फ्रांस से भी रक्षा उपकरण खरीदता है, लेकिन अमेरिका अब भी नई और अत्याधुनिक तकनीक में भारत का प्रमुख भागीदार बना हुआ है.

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