नई दिल्ली: Pakistan Army: पाकिस्तान में आज आम चुनाव है, सुबह से ही वोटिंग हो रही है. नेशनल असेंबली और प्रांतीय असेंबली के लिए लोग वोट कर रहे हैं. इन्हीं चुनाव के जरिये देश का अगला प्रधानमंत्री चुना जाएगा. लेकिन हैरान कर देने वाली बात ये है कि पाकिस्तान में आजादी के बाद से अब तक कोई प्रधानमंत्री अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया है.
32 प्रधानमंत्री रहे, एक भी कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया
पाकिस्तान में अब तक कुल 32 प्रधानमंत्री रहे हैं. इनमें से 8 केयर टेकर पीएम रहे हैं. लेकिन आज तक इनमें से कोई भी 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया है. इसका सबसे बड़ा कारण सेना है. एक समय के बाद सेना पीएम को हटा देती है और खुद शासन करने लगती है. प्रधानमंत्री इमरान खान ने पिछले साल कहा था कि पाकिस्तान में सत्ता किसी के पास हो, लेकिन ताकत तो सेना के पास ही रहती है. रुतबा फौज का ही रहता है. यदि कोई इससे इंकार करता है, तो वो गलत है. पाक की सेना अब तक तीन बार तख्तापलट कर चुकी है. लेकिन जो भी PM हटा है, वो सेना की मदद से ही हटा है. इसलिए ये नहीं कहा जा सकता कि पाक की सेना ने सत्ता को तीन बार ही डिस्टर्ब किया
पहला तख्तापलट
पाकिस्तानी सेना की स्थापना अगस्त 1947 में हुई थी. इस की नींव ब्रिटिश इंडियन आर्मी ने रखी थी. पाक सेना के पहले प्रमुख ब्रिटिश जनरल फ्रैंक मेस्सर्वी थे. पाकिस्तानी सेना ने पहला तख्तापलट साल 1958 में राष्ट्रपति इस्कंदर मिर्जा के खिलाफ हुआ. पाक सेना के जनरल अयूब खान ने तख्तापलट किया था. 1969 में अयूब खान के बाद जनरल याह्या खान शीर्ष पद पर काबिज हुए. वो तब तक काबिज रहे जब तक पाकिस्तान भारत से युद्ध हार नहीं गया.
दूसरा तख्तापलट
इसके बाद जुल्फिकार अली भुट्टो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने. लेकिन साल 1977 में पाक सेना जनरल जिया उल हक ने तख्तापलट किया. भुट्टो को फांसी दे दी. जनरल जिया उल हक ने देश पर ऐसा शासन किया कि लोग आज तक उनके तानाशाही फैसलों को याद कर डर जाते हैं. जनरल जिया ने पाक में मार्शल लॉ लागू किया. पाक को जिया के शासन से तब मुक्ति मिली, जब 1988 में एक विमान दुर्घटना में मौत हुई. लेकिन जिया ने साल 1985 में ही मुहम्मद खान के नेतृत्व में सरकार बनाने की इजाजत दे दी थी.
तीसरा तख्तापलट
इसके बाद 1997 में आम चुनाव हुए, नवाज शरीफ देश के पीएम बने. उन्होंने जनरल परवेज मुशर्रफ को सेना प्रमुख बनाया गया. लेकिन धीरे-धीरे नवाज और मुशर्रफ के बीच दूरियां बढ़ती गईं. मुशर्रफ नवाज से अधिक ताकतवर हो गए. कहा जाता है कि जनरल मुशर्रफ ने नवाज से बिना पूछे ही कारगिल का युद्ध छेड़ दिया था. 2 साल बाद ही मुशर्रफ ने तख्तापलट करके नवाज को सत्ता से हटा दिया.
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