ट्रंप भूले, पुतिन नहीं! अमेरिका ने 20 साल पहले दिया जख्म, जो आज भी रूस को दे रहा दर्द

America Vs Russia Rivalry Story: अमेरिका और रूस की दुश्मनी यूं तो दूसरे वर्ल्ड वॉर के समय से चल रही है, लेकिन दोनों देशों के बीच पुतिन के आने के बाद खाई बढ़ी. खासकर, 2003 और 2004 में कुछ ऐसा हुआ, जो पुतिन को बिलकुल नागवार गुजरा.

Written by - Ronak Bhaira | Last Updated : Jan 24, 2025, 10:10 AM IST
  • 2003-2004 से गहरी हुई दुश्मनी
  • पुतिन आज भी नहीं भूले तब का वाकया
ट्रंप भूले, पुतिन नहीं! अमेरिका ने 20 साल पहले दिया जख्म, जो आज भी रूस को दे रहा दर्द

नई दिल्ली: America Vs Russia Rivalry Story: अमेरिका में ट्रंप राज लौट आया है. डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के राष्ट्रपति बनने से ये उम्मीद जगी कि रूस और यूक्रेन का युद्ध रुक सकता है. ट्रंप ने चुनाव प्रचार के दौरान वादा किया था कि वे 24 घंटे के भीतर रूस-यूक्रेन की जंग रुकवा देंगे. ट्रंप ने अब रूस से बातचीत करने की बात कही है. हालांकि, अमेरिका ने 20 साल पहले रूस को ऐसा जख्म दिया था, जिसे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) आज तक नहीं भूले हैं.

पहले धमकी, अब प्यार
ट्रंप ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे. उन्होंने आगे कहा, 'मुझे लगता है कि रूस को डील करनी चाहिए.  मैंने जो सुना है, उसके अनुसार राष्ट्रपति पुतिन मुझसे मिलकर खुश होंगे. हम जल्द से जल्द ही मिलेंगे.' हालांकि, इससे पहले ट्रंप ने ये कहा था, 'यूक्रेन बातचीत को तैयार है, रूस को भी वार्ता की मेज पर आना चाहिए. रूस बातचीत के लिए राजी नहीं होता है, तो हम उस पर प्रतिबंध लगाएंगे.' ये बयान ट्रंप का अस्पष्ट रवैया दिखाते हैं.

रूस और अमेरिका की दुश्मनी क्यों?
रूस और अमेरिका की दुश्मनी नई नहीं है. यह दूसरे वर्ल्ड वॉर से ही चली आ रही है. तब दुनिया के तमाम देश दो धड़ों में बंट गए थे. एक खेमा अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोप के दूसरे देशों का था, इसे नाटो के तौर पर जाना जाता था. दूसरा खेमा सोवियत संघ (तब रूस) और ईस्टर्न यूरोप का था. आज की तरह तब भी रूस और अमेरिका छोटे-छोटे देशों में अपना वर्चस्व जमाने की लड़ाई लड़ रहे थे. हाल का मामला यूक्रेन से जुड़ा है. यूक्रेन नाटो की सदस्यता लेना चाहता है, लेकिन इसकी सीमा रूस से लगती है. रूस नहीं चाहता कि नाटो देश उसकी सीमा तक भी पहुंचे इसलिए रूस यूक्रेन से युद्ध कर बैठा. अमेरिका ने इस युद्ध में यूक्रेन की मदद की.

पुतिन शासन में गहरी हुई खाई
रूस में पुतिन शासन आने के बाद दोनों देशों के बीच खटास बढ़ गई. जिन-जिन देशों के साथ अमेरिका के रिश्ते बिगड़े, उनकी रूस ने खूब मदद की.  जब अमेरिका की सेना ने सीरिया पर कार्रवाई की, तब रूस ने सीरिया की सहायता की. अमेरिका के ईरान से रिश्ते बिगड़े, तब रूस ईरान के लिए आगे आया. इसका बदला अमेरिका ने यूक्रेन का साथ देकर लेना चाहा. अमेरिका रूस पर पहले भी कई प्रतिबंध लगा चुका है. रूस भी अमेरिका को परमाणु युद्ध की धमकी दे चुका है. 

20 साल पहले पुतिन हुए जबरदस्त नाराज
अब बात पुतिन की करें तो, वे रूस के ऐसे राष्ट्रपति हैं जो अमेरिका से सबसे अधिक नफरत करते हैं. दरअसल, अमेरिका ने अपने विस्तार के लिए रूस के पड़ोसी देशों को अपना दोस्त बनाना चाहा, ये बात पुतिन को कतई पसंद नहीं आई. साल 2004 में नाटो ने पूर्वी यूरोपीय देशों में विस्तार किया. इतना ही नहीं, जॉर्जिया और यूक्रेन में क्रांति का समर्थन भी किया. रूस का आरोप है कि अमेरिका ने यहां पर रूस विरोधी विद्रोहियों को शहद दी थी. इस बात से पुतिन नाराज हो गए थे, फिर साल 2007 में पुतिन ने अमेरिका पर आरोप लगाया कि ये रूसी सीमाओं पर अतिक्रमण कर रहा है. पुतिन मानते हैं कि जॉर्जिया और यूक्रेन में अमेरिका 2003 के रोज रेवोलुशन और 2004 के ऑरेंज रेवोलुशन का समर्थन नहीं करता, तो आज यूक्रेन समेत बाकी छोटे देश उनके सामने सिर नहीं उठाते.

ये भी पढ़ें- Republic Day 2025: रिपब्लिक डे पर क्यों होती है परेड? इतिहास के पन्नों में छिपी है इसकी वजह

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

ट्रेंडिंग न्यूज़