Russia-North Korea Alliance: मर रहे सैनिक, तब भी क्यों और सैनिकों को यूक्रेन से युद्ध करने रूस भेज रहा उत्तर कोरिया? क्या कोई बड़ी योजना?

Russia-North Korea Alliance New Update: कई रिपोर्टों में कहा गया है कि यूक्रेन युद्ध में लगभग 1,100 उत्तर कोरियाई सैनिक मारे जा चुके हैं, जिसके बाद उत्तर कोरिया यूक्रेन के खिलाफ चल रहे युद्ध में रूस का समर्थन करने के लिए कामिकेज ड्रोन सहित अधिक सैनिक और हथियार भेजने की तैयारी कर रहा है.

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Dec 24, 2024, 02:09 PM IST
  • रूस में लगभग 12,000 उत्तर कोरियाई सैनिक
  • क्या कुछ बड़ा प्लान?
Russia-North Korea Alliance: मर रहे सैनिक, तब भी क्यों और सैनिकों को यूक्रेन से युद्ध करने रूस भेज रहा उत्तर कोरिया? क्या कोई बड़ी योजना?

Russia-North Korea Partnership News: यूक्रेन राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा है कि रूस के कुर्स्क क्षेत्र में 3,000 से अधिक उत्तर कोरियाई सैनिक मारे गए हैं या घायल हुए हैं. कई रिपोर्टों में यह बताया गया है कि यूक्रेन युद्ध में लगभग 1,100 उत्तर कोरियाई सैनिक पहले ही मारे जा चुके हैं. अब नई रिपोर्ट है कि सैनिकों के हताहत होने के बाद भी उत्तर कोरिया यूक्रेन के खिलाफ चल रहे युद्ध में रूस का समर्थन करने के लिए और अधिक सैनिक और हथियार भेजने की तैयारी कर रहा है.

सोमवार को योनहाप समाचार एजेंसी का हवाला देते हुए यूरो न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण कोरिया के संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ (JCS) ने संकेत दिया है कि उत्तर कोरिया यूक्रेन पर बड़े पैमाने पर आक्रमण के लिए रूस को और अधिक सैन्य सहायता प्रदान करने की योजना बना रहा है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि इस मदद में कामिकेज ड्रोन सहित अतिरिक्त सैनिक और सैन्य उपकरण शामिल होने की उम्मीद है. JCS के हवाले से यूरो न्यूज ने कहा, 'विभिन्न खुफिया जानकारी के व्यापक मूल्यांकन से पता चलता है कि उत्तर कोरिया (रूस में) सैनिकों की तैनाती को बढ़ाने या चेंज करने की तैयारी कर रहा है, जबकि वर्तमान में 240 मिमी रॉकेट लांचर और 170 मिमी स्व-चालित तोपखाने की आपूर्ति कर रहा है.'

प्योंगयांग ने पहले ही रूस को 240 मिमी मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर और 170 मिमी सेल्फ-प्रोपेल्ड हॉवित्जर प्रदान किए हैं, और पिछले महीने नेता किम जोंग उन द्वारा एक परीक्षण का मार्गदर्शन किए जाने के बाद वहां भेजे जाने वाले अधिक आत्मघाती ड्रोन का उत्पादन करने की तैयारी करते देखा गया.

रॉयटर्स ने JCS के एक अधिकारी के हवाले से कहा, 'आत्मघाती ड्रोन उन कार्यों में से एक हैं, जिन पर किम जोंग उन ने ध्यान केंद्रित किया है.' उन्होंने कहा कि उत्तर ने उन्हें रूस को देने का इरादा व्यक्त किया है.

रूस में लगभग 12,000 उत्तर कोरियाई सैनिक
सियोल, वाशिंगटन और कीव ने कहा है कि रूस में लगभग 12,000 उत्तर कोरियाई सैनिक हैं. जेसीएस ने कहा कि उनमें से कम से कम 1,100 मारे गए या घायल हुए हैं, जो पिछले हफ्ते दक्षिण कोरिया की जासूसी एजेंसी द्वारा की गई ब्रीफ्रिंग के अनुरूप है, जिसमें कुर्स्क क्षेत्र में लगभग 100 लोगों की मौत और 1,000 अन्य के घायल होने की सूचना दी गई थी.

क्यों रूस में सैनिक भेज रहा उत्तर कोरिया? क्या कुछ बड़ा प्लान?
यूक्रेन में युद्ध में रूस की तरफ से लड़ने वाले उत्तर कोरियाई सैनिकों की भागीदारी अभूतपूर्व है. इससे पहले उत्तर कोरिया ने कभी भी विदेशी सैन्य हस्तक्षेप नहीं किया है.

उत्तर कोरिया ने पहले कभी भी विदेश में सैन्य इकाइयां क्यों नहीं भेजी हैं, इसका एक सरल कारण है: शासन को चिंता है कि अलग-थलग पड़े देश के सैनिक 'गलत' विचार अपना सकते हैं.

उदाहरण के लिए, वे यह सोचना शुरू कर सकते हैं कि पड़ोसी देश उत्तर कोरिया से कहीं ज़्यादा अमीर क्यों हैं, उत्तर कोरिया की तरह कोई भी व्यक्ति सात या आठ साल तक सेना में सेवा करने के लिए बाध्य क्यों नहीं है, या उत्तर कोरिया में विलासिता मानी जाने वाली वस्तुएं आसानी से उपलब्ध क्यों हैं. प्योंगयांग को डर है कि घर लौटने पर सैनिक यह तय कर सकते हैं कि उनका असली देशभक्ति का कर्तव्य सशस्त्र विद्रोह है.

खैर बात ये कि ऐसे में क्यों रूस भेजे जा रहे उत्तर कोरियाई सैनिक?

मॉस्को और प्योंगयांग द्वारा प्रचारित पश्चिम विरोधी बयानबाजी की समानता के बावजूद, इसका उत्तर विचारधारा होने की संभावना नहीं है. व्यक्तित्व के पंथ के बावजूद, उत्तर कोरिया में विचारधारा के मामले में बहुत कम है, और किम जोंग उन ने हमेशा एक व्यावहारिक विदेश नीति अपनाई है.

सेना भेजने से प्योंगयांग को कुछ अल्पकालिक लाभ होने की संभावना है. उत्तर कोरिया ने गोला-बारूद की आपूर्ति के भुगतान के रूप में रूस से पहले से ही बहुत जरूरी फूड, तेल और धन प्राप्त करना शुरू कर दिया था. बेशक, उत्तर कोरिया परमाणु हथियार और विमानन प्रौद्योगिकी के विकास में मदद चाहेगा (यह इसलिए क्योंकि बड़ी संख्या में उत्तर कोरियाई प्रतिनिधिमंडल रूसी विमानन संस्थानों का दौरा कर चुके हैं). हालांकि, फिलहाल, ऐसा लगता है कि मास्को इनमें से कोई भी क्षमता प्रदान करने की जल्दी में नहीं है.

इसके बजाय, किम जोंग उन रूस को सेना उधार देना एक दीर्घकालिक निवेश के रूप में देखते हैं. जब से सोवियत संघ ने 1990 में आर्थिक सहायता देना बंद कर दिया है, तब से प्योंगयांग ने शीत युद्ध के 'अच्छे पुराने दिनों' की ओर घड़ी को वापस मोड़ने की कोशिश की है, जब वह सोवियत संसाधनों के महत्वपूर्ण प्रवाह पर भरोसा कर सकता था. अब तक, उत्तर कोरिया इस लक्ष्य को हासिल करने में असमर्थ रहा है, लेकिन अब जब यूक्रेन में सेना तैनात है, तो ऐसा लगता है कि यह पहले से कहीं ज़्यादा करीब है.

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